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Mahakumbh Stampede 2025 : गंगा के किनारे मरेगा तो वो मरेगा नहीं बल्कि… महाकुंभ भगदड़ पर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री

नेशनल डेस्क : मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान को लेकर हुई भगदड़ के बाद  विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को लेकर साधु-संत समाज भी सवाल उठा रहा है। हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन हादसों को साजिश बताया है। हालांकि, उन्होंने किसी खास व्यक्ति का नाम.

नेशनल डेस्क : मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान को लेकर हुई भगदड़ के बाद  विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को लेकर साधु-संत समाज भी सवाल उठा रहा है। हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन हादसों को साजिश बताया है। हालांकि, उन्होंने किसी खास व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका कहना था कि कुछ लोग चाहते हैं कि महाकुंभ जैसे पवित्र महापर्व को खराब किया जाए।

बाबा बागेश्वर का बयान

बाबा बागेश्वर ने कहा कि महाकुंभ के दौरान इस तरह की घटनाओं को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका मानना था कि ऐसी घटनाओं से पवित्र और ऐतिहासिक महापर्व को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की साजिशों के बावजूद, महाकुंभ का महत्व कभी कम नहीं होगा और भक्तों की आस्था पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

“यहां मरने वालों को मोक्ष मिला है”…

महाकुंभ के दौरान हुए हादसे पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यहां मरे हुए लोगों को मोक्ष प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, “देश में रोजाना लोग मरते हैं, लेकिन कुछ लोग बिना इलाज के, कुछ लोग खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मरते हैं। यह घटना निंदनीय है, लेकिन यह भी सच है कि यह महाप्रयाग है और यहां मरने वाले लोग मोक्ष प्राप्त करते हैं।”

पंडित शास्त्री का मोक्ष पर दृष्टिकोण

पंडित शास्त्री ने आगे कहा, “यहां जो लोग मरे हैं, उनकी मृत्यु नहीं हुई है, उन्हें मोक्ष मिला है। भले ही वे असमय चले गए हों, यह दुख की बात है, लेकिन जाने वाला तो हर किसी को एक दिन जाना है। कोई पहले जाएगा, कोई बाद में, लेकिन गंगा के किनारे मरे व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।”

गंगा के किनारे मृत्यु का महत्व

उन्होंने यह भी कहा कि गंगा के किनारे मृत्यु पाने वाले व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। उनका मानना है कि यहां हुई मौतें वास्तव में मृत्यु नहीं हैं, बल्कि उन व्यक्तियों को गंगा के पवित्र किनारे पर मोक्ष की प्राप्ति हुई है। पंडित शास्त्री का यह बयान इस परिपेक्ष्य में आया है कि महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर मरे हुए व्यक्तियों को आस्था के हिसाब से मोक्ष मिलना निश्चित माना जाता है।

हादसे में 30 की मौत…

मौनी अमावस्या के दिन की भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई तो वहीं कई अन्य श्रद्धालु घायल भी हुए थे। हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे थे और अचानक भीड़ बढ़ने के कारण भगदड़ मच गई थी। हादसे में मारे गए लोग केवल मध्य प्रदेश से नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी थे। महाकुंभ जैसे पवित्र पर्व में इस तरह की घटनाएं होना दुखद है। हालांकि, साधु-संत समाज और अन्य धार्मिक नेता इसे एक साजिश मान रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद महाकुंभ की महत्वता और श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं होता। प्रशासन को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा ताकि श्रद्धालु बिना किसी डर के धार्मिक कार्यों में भाग ले सकें।

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