Basant Panchami : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। एक्स पर एक पोस्ट के जरिए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं! शिक्षा और ज्ञान से जुड़े इस खुशी के अवसर और त्योहार पर मैं सभी देशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और बुद्धि की कामना करती हूं।‘ रस्वती पूजा के दिन का महत्व बताते हुए उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं मां सरस्वती से प्रार्थना करती हूं कि वे भारत को दुनिया के ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करें।‘
सभी देशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं! इस उल्लास पूर्ण अवसर तथा विद्या और ज्ञान से जुड़े इस त्योहार पर मैं सभी देशवासियों के लिए सुख-समृद्धि तथा विद्या-विवेक की कामना करती हूं। मां सरस्वती से मेरी प्रार्थना है कि वे भारत को विश्व के ज्ञान-केंद्र के…
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 2, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘सभी देशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सरस्वती पूजा देवी सरस्वती को समर्पित है, जो वसंत ऋतु के आगमन की घोषणा करता है। इसे विभिन्न भारतीय क्षेत्रों में अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार होलिका और होली की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो चालीस दिन बाद मनाई जाती हैं।
सभी देशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
Best wishes on the auspicious occasions of Basant Panchami and Saraswati Puja.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 2, 2025
बसंत पंचमी का संबंध पूरी तरह खिले हुए पीले सरसों के खेतों से भी है। इस दिन, लोग पारंपरिक रूप से पीले रंग के परिधान – साड़ी, शर्ट या अन्य सामान पहनते हैं और पीले रंग के व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। इस दिन चावल के व्यंजनों में अक्सर केसर मिलाया जाता है, जिससे वे उत्सव के पीले रंग में बदल जाते हैं और इन व्यंजनों को दावत में परोसा जाता है।
मंदिर और शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती देवी की मूर्तयिों को पीले वस्त्र पहनाकर और विशेष प्रार्थना करके उनका सम्मान किया जाता है। कई स्कूल और कॉलेज ज्ञान और बुद्धि के लिए सरस्वती का आशीर्वाद लेने के लिए सुबह की पूजा का आयोजन करते हैं। विद्या और कला की देवी के प्रति श्रद्धा में काव्य और संगीत समारोहों सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।