नई दिल्ली: घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई ने रविवार को कहा कि रुकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का नया कोष स्थापित करने की सरकार की बजट घोषणा से पीड़ित फ्लैट मालिकों को फायदा होगा। इसके साथ ही एफपीसीई ने समय पर परियोजनाएं पूरी न करने वाले बिल्डरों को कोई भी नई परियोजना शुरू करने से प्रतिबंधित किए जाने की मांग भी की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा कि अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के ‘स्वामी कोष-2’ का गठन किया जाएगा। इससे एक लाख घरों का निर्माण पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके पहले नवंबर, 2019 में केंद्र ने समूचे देश में अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ‘किफायती एवं मध्यम आय आवास की विशेष खिड़की’ (स्वामी) नाम वाले 15,530 करोड़ रुपये के एक कोष की घोषणा की थी।
इस कोष का प्रबंधन भारतीय स्टेट बैंक समूह की कंपनी एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड के पास है। स्वामी कोष-1 योजना के तहत 50,000 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि 40,000 इकाइयों का निर्माण अभी जारी है। नए कोष की घोषणा पर ‘फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स’ (एफपीसीई) के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा, ‘‘स्वामी कोष-2 निश्चित रूप से एक बहुत जरूरी कदम है।
इससे पीड़ित घर खरीदारों को काफी राहत मिलेगी।’ उपाध्याय ने सुझाव दिया कि सरकार को सभी रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं की पहचान करनी चाहिए और उन घरों को पूरा करने के लिए कुल कोष की जरूरत का भी आकलन करना चाहिए। इसके साथ ही उपाध्याय ने कहा, ‘‘ऐसे बिल्डरों की पहचान करना और उन्हें अलग-थलग करना भी महत्वपूर्ण है जो केवल अपने व्यक्तिगत लालच के लिए घर खरीदारों की मेहनत की कमाई को जोखिम में डालते हैं। उन्हें कोई भी नई परियोजना शुरू करने से रोक दिया जाना चाहिए।