पूर्वी अमेरिका के समयानुसार 1 फरवरी को, अमेरिका ने फेंटेनाइल मुद्दे की आड़ में अमेरिका को निर्यात किये जाने वाले चीनी उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की घोषणा की। यह गलत कार्रवाई विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करती है, चीन और अमेरिका के बीच सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को बाधित करती है, और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी अधिक नकारात्मक प्रभाव डालेगी।
कुछ विश्लेषकों ने कहा कि पिछले व्यापार युद्धों से मिले सबक को देखते हुए, यह वास्तव में अमेरिकी लोगों पर “उपभोग कर” लगाने का एक और दौर है। फिलहाल चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर करेगा तथा अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक जवाबी कदम उठाएगा।
यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के बहाने के रूप में अमेरिका द्वारा तथाकथित फेंटेनाइल मुद्दे का उपयोग करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। फेंटेनाइल एक शक्तिशाली ओपिओइड है। अमेरिका में यह एक नशीली दवा बन गई है, इसका कारण दुरुपयोग की भारी मांग और अमेरिकी समाज में लाभ श्रृंखला से संबंधित है, और यह अमेरिकी सरकार की निगरानी करने में विफलता से भी निकटता से संबंधित है।
अमेरिका ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों को टैरिफ दबाव से जोड़ दिया है, जो न केवल समस्या की जड़ को हटाने में विफल है, बल्कि राजनीतिक टकराव को तेज कर सकता है और फेंटेनाइल समस्या के प्रभावी समाधान में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
वास्तव में, चीन दुनिया में सबसे सख्त और गहन नशीली दवा नियंत्रण नीतियों वाले देशों में से एक है। 2019 में, चीन ने घोषणा की कि उसने औपचारिक रूप से फेंटेनाइल-संबंधित पदार्थों को एक संपूर्ण श्रेणी के रूप में सूचीबद्ध किया है, जो यह कदम उठाने वाला विश्व का पहला देश है।
अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा तथा अन्य मादक पदार्थ कानून प्रवर्तन एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने सितंबर 2019 के बाद से चीन से किसी भी फेंटेनाइल-संबंधित पदार्थ को जब्त नहीं किया है। इस पृष्ठभूमि में, अमेरिका तथाकथित फेंटेनाइल मुद्दे को लगातार बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है, जिसके पीछे स्पष्ट रूप से गुप्त उद्देश्य हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)