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ना जमीन बची, ना पैसे, बस टूटी हुई उम्मीदें…अमेरिका से लौटे भारतीयों की दर्दनाक कहानी

पंजाब डेस्क : बुधवार को अमेरिका से 104 निर्वासितों को एक सैन्य विमान C-17 द्वारा भारत लाया गया। इन प्रवासियों में से एक, जसपाल सिंह, जो गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के निवासी हैं, ने बताया कि पूरे सफर के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डाली गई थीं। वह यह भी बताते हैं.

पंजाब डेस्क : बुधवार को अमेरिका से 104 निर्वासितों को एक सैन्य विमान C-17 द्वारा भारत लाया गया। इन प्रवासियों में से एक, जसपाल सिंह, जो गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के निवासी हैं, ने बताया कि पूरे सफर के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डाली गई थीं। वह यह भी बताते हैं कि अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही इन हथकड़ियों को हटाया गया। ऐसे अनेको लोग है जो भारत लौटने का दर्दभरा किस्सा बया कर रहे है…

अमेरिकी सीमा गश्ती ने किया गिरफ्तार

जसपाल सिंह ने बताया कि 24 जनवरी को जब उन्होंने अमेरिकी सीमा पार की, तब उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया था। इसके बाद वह इस दर्दनाक यात्रा का हिस्सा बने।बता दें कि अमेरिका से भारत भेजे गए इस विशेष विमान में 104 अवैध प्रवासी थे। इनमें से 33-33 प्रवासी हरियाणा और गुजरात से, 30 प्रवासी पंजाब से, 3-3 महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से, और 2 चंडीगढ़ से थे। इन निर्वासितों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग बच्चे भी शामिल थे।

नरक से भी बदतर’ यात्रा का अनुभव

वहीं एक और प्रवासी जो पंजाब के होशियारपुर जिले के तहली गांव के रहने वाले 40 वर्षीय हरविंदर सिंह ने अपनी यात्रा को ‘नरक से भी बदतर’ बताया। उन्होंने कहा कि 40 घंटे तक उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में रखा गया, और उन्हें अपनी सीट से हिलने तक की अनुमति नहीं दी गई। जब उन्होंने वॉशरूम जाने की अनुमति मांगी, तो उन्हें घसीटकर वहां ले जाया गया। हरविंदर सिंह ने बताया कि 40 घंटे की यात्रा के दौरान उन्हें एक पल के लिए भी सोने का मौका नहीं मिला। वह सोचते रहे कि उन्होंने अपनी पत्नी से बेहतर जीवन देने का जो वादा किया था, वह अब पूरा नहीं हो सका।

अमेरिका जाने के लिए जमीन गिरवी रखी थी

दरअसल, हरविंदर ने अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका जाने का निर्णय लिया था। इसके लिए उन्होंने अपनी एकमात्र एकड़ जमीन गिरवी रखी और 42 लाख रुपये कर्ज लिया। हालांकि, जब उन्हें अमेरिका भेजने का दावा किया गया, तो यह सब एक धोखा साबित हुआ। वहीं कुलजिंदर कौर, हरविंदर की पत्नी, बताती हैं कि उनके पति को आठ महीने तक विभिन्न देशों में घुमाया गया। इस दौरान हरविंदर ने जानलेवा परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी यात्रा के वीडियो बनाकर कुलजिंदर को भेजे।

एजेंट द्वारा पैसे की बार-बार वसूली

इसके साथ ही कुलजिंदर ने बताया कि एजेंट ने सिर्फ 42 लाख रुपये ही नहीं, बल्कि यात्रा के दौरान और भी पैसे वसूले। जब हरविंदर ग्वाटेमाला में थे, तब एजेंट ने उनसे और 10 लाख रुपये मांगे। अब कुलजिंदर चाहती हैं कि उस एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

आखिरकार उम्मीदें टूटीं, कर्ज बढ़ा

हरविंदर का परिवार पहले से ही साधारण जीवन जी रहा था और अब उनका सपना टूट चुका है। न तो जमीन बची, न पैसे। अब उनका परिवार कर्ज और निराशा में डूब चुका है, और 85 साल के बुजुर्ग पिता और 70 साल की मां भी खेतों में काम करने के लिए मजबूर हैं। यह पूरी यात्रा न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत थका देने वाली थी। यह कहानी उन लोगों की है जो बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका गए, लेकिन वहां के प्रशासन और धोखाधड़ी के कारण उनका सपना टूट गया।

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