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Delhi Railway Station Stampede : 14 महिलाओं समेत 18 लोगों की मौत के पीछे ये थी 5 वजह…. इसलिए हुआ बड़ा हादसा

नई दिल्ली : 15 फरवरी, 2025 की रात करीब साढ़े 8 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर एक बड़ी भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 4 पुरुष, 9 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे। इसके बाद घायल हुए लोगों को दिल्ली के.

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नई दिल्ली : 15 फरवरी, 2025 की रात करीब साढ़े 8 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर एक बड़ी भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 4 पुरुष, 9 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे। इसके बाद घायल हुए लोगों को दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। रेलवे मंत्री ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

2 ट्रेनों का देर से आना

आपको बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने के लिए तीन ट्रेनें आनी थी: शिवगंगा एक्सप्रेस, भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस। इनमें से भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस लेट थीं, जबकि शिवगंगा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 14 पर खड़ी थी। इन ट्रेनों के यात्री प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर इंतजार कर रहे थे। जब इन ट्रेनों के आने की घोषणा हुई, तो भीड़ बेकाबू हो गई और प्लेटफार्म नंबर 14 और 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।

हादसे का कारण

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने बताया कि हादसा प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। लोग स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। लोग यह सोचकर एक जगह पर जुटे थे कि ट्रेनें शायद नहीं आएंगी, लेकिन जैसे ही ट्रेनों के आने की घोषणा हुई, लोग दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए दौड़ पड़े और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे भगदड़ मच गई और लोग प्लेटफार्म पर गिर गए, एस्केलेटर और सीढ़ियों पर फिसल गए और कुचले गए।

प्लेटफार्म नंबर का बदलाव

हादसे के एक कारण के तौर पर ट्रेन का प्लेटफार्म बदलना भी सामने आया है। प्रयागराज जाने वाली तीन ट्रेनों में चढ़ने के लिए लोग प्लेटफार्म नंबर 14 पर इंतजार कर रहे थे। जब अचानक यह घोषणा की गई कि भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस अब प्लेटफार्म नंबर 16 पर आएगी, तो वहां चढ़ने के लिए लोग दौड़ पड़े और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे भगदड़ मच गई।

भीड़ बढ़ने के बावजूद टिकटें बेची गईं

भीड़ के बावजूद रेलवे स्टेशन पर टिकटें बेची जा रही थीं, जो एक और कारण था भगदड़ का। 400 सीटों के लिए हर घंटे 1500 टिकट बेचे जा रहे थे, जबकि ट्रेनों में सीटों की संख्या को ध्यान में रखते हुए टिकटें बिकनी चाहिए थीं। ट्रेनों में जनरल बोगी के 4 कोच होते हैं, लेकिन इतनी अधिक भीड़ के कारण कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को भी डिब्बे में प्रवेश करने में परेशानी हुई।

भीड़ प्रबंधन की कमी

हादसे का एक कारण यह भी था कि रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन के लिए कोई खास तैयारी नहीं की गई थी। शनिवार शाम से ही रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ने लगी थी, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। दिल्ली पुलिस और रेलवे पुलिस भी तब मौके पर पहुंची, जब हादसा हो चुका था। ट्रेनें रद्द और लेट होने के कारण भी स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी। हालांकि, रेलवे मंत्रालय के नियम के मुताबिक यात्रियों को समय से पहले स्टेशन पहुंचने के लिए कहा जाता है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में रेलवे प्रशासन और दिल्ली पुलिस नाकाम रहे।

सीढ़ियों और फुटब्रिज पर बैठने वाले लोग

हादसे के एक कारण के रूप में लोग सीढ़ियों और फुटब्रिज पर बैठने का भी सामने आया है। इतनी अधिक भीड़ होने के बावजूद इन लोगों को हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। न ही हादसे के बाद कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। प्लेटफार्म को बंद करके सफाई कर दी गई, लेकिन उस समय वहां कोई उचित मदद नहीं पहुंची।

पुलिस अधिकारी का बयान

DCP रेलवे, केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि हमे भीड़ होने की उम्मीद थी, लेकिन यह स्थिति अचानक उत्पन्न हो गई। इसलिए इस दुर्घटना का कारण स्पष्ट होने में थोड़ा समय लगेगा। रेलवे इसकी जांच करेगा और पूछताछ के बाद हादसे के पीछे का असली कारण सामने आएगा। यह हादसा दर्शाता है कि रेलवे स्टेशन पर उचित भीड़ प्रबंधन की कितनी आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन को और अधिक ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।


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