नेशनल डेस्क : दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से विधायक मोहन सिंह बिष्ट को दिल्ली विधानसभा का नया डिप्टी स्पीकर चुना गया है। इस खबर के बाद से दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिली है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में विस्तार से।
मुख्यमंत्री ने किया प्रस्ताव, मंत्री ने किया समर्थन
आपको बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में रखा। उनके इस प्रस्ताव को मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूरा समर्थन दिया। इस फैसले के बाद, विधानसभा में वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता स्पीकर के रूप में कार्यरत हैं।
मोहन सिंह बिष्ट का राजनीतिक अनुभव
दरअसल, मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति में एक अनुभवी नेता माने जाते हैं। वह कई बार करावल नगर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। इस बार उन्होंने मुस्तफाबाद सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में जगह बनाई। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार आदिल अहमद खान को 17,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।
मेरी पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है
इस दौरान दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, “मेरी पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, मैं उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। मैं अपने केंद्रीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री, विधायकों और सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं… मेरा मानना है कि सदन में व्यवधान डालकर उन्होंने(विपक्ष) सही काम नहीं किया… विधानसभा नियम-कायदों के हिसाब से चलती है… PAC का गठन होगा, 3 महीने बाद इसकी रिपोर्ट आएगी जिसमें सब कुछ साफ हो जाएगा…”
#WATCH | दिल्ली | दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, “मेरी पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, मैं उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। मैं अपने केंद्रीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री, विधायकों और सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं… मेरा मानना है कि सदन में व्यवधान डालकर… pic.twitter.com/BAYQCaGLwK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2025
अगला कदम
अब, मोहन सिंह बिष्ट के डिप्टी स्पीकर बनने के बाद, उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं। यह देखना होगा कि वह इस नए पद पर किस तरह से कार्य करते हैं और विधानसभा की कार्यवाही को कैसे सुचारू रूप से चलाते हैं। मोहन सिंह बिष्ट का डिप्टी स्पीकर के रूप में चयन दिल्ली विधानसभा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके अनुभव और राजनीतिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, यह माना जा रहा है कि वह अपने नए पद पर अच्छा कार्य करेंगे और विधानसभा के कार्यों को सुसंगत और प्रभावी रूप से संचालित करेंगे।