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सरकार राज्य के दर्जे की मांग पूरी करने के लिए हितधारकों के साथ बातचीत को प्रतिबद्ध: LG मनोज सिन्हा

जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की राज्य का दर्जा पाने की आकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सात साल में आयोजित पहले बजट सत्र को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि यह सत्र महज एक विधायी औपचारिकता नहीं है, बल्कि सुशासन,.

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जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की राज्य का दर्जा पाने की आकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सात साल में आयोजित पहले बजट सत्र को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि यह सत्र महज एक विधायी औपचारिकता नहीं है, बल्कि सुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों की सबसे बड़ी आकांक्षाओं में से एक पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना है। मेरी सरकार इस आकांक्षा को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार इस आकांक्षा के भावनात्मक और राजनीतिक महत्व को समझती है और सभी हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। सिन्हा ने कहा, ‘‘यह बजट ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार द्वारा सात वर्षों में प्रस्तुत किया जाने वाला पहला बजट है। यह लोगों की शक्ति का प्रतीक है, जिसे उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा तैयार किया गया है।’’

उपराज्यपाल ने पुष्टि की कि यह बजट दस्तावेज़ न केवल आर्थिक है, बल्कि एक उज्जवल भविष्य के लिए जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को भी दर्शाता है। उन्होंने शांति और समृद्धि बनाए रखने तथा लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है। सरकार जम्मू-कश्मीर को प्रगतिशील अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है।’’ केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के बाद से यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा का दूसरा सत्र है।

इससे पहले, सरकार के गठन के 20 दिन बाद पिछले साल चार से आठ नवंबर तक विधानसभा श्रीनगर में बैठी थी। केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करते हुये जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया था ओर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों -जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख- में विभाजित कर दिया था ।

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