नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि लोक स्वास्थ्य अवसंरचना एवं स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग ) की रिपोर्ट पर सोमवार को विस्तृत चर्चा की गई जिसमें जिसमें दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कई गंभीर चूक और अनियमितताओं को उजागर किया गया है। गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पर सदन में चर्चा के बाद कहा कि यह रिपोर्ट 28 फरवरी को सदन में प्रस्तुत की गई थी, जिसमें दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कई गंभीर चूक और अनियमितताओं को उजागर किया गया है। कैग द्वारा किए गए इस लेखा परीक्षण में वर्ष 2016-17 से 2021-22 की अवधि को कवर किया गया, जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण कमियों और अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है, जिनमें सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल अधिकारियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और फार्मासिस्टों की भारी कमी दर्ज की गई। आवश्यक दवाओं और उपकरणों की अनुपलब्धता: मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक दवाएँ और चिकित्सा उपकरण कई अस्पतालों में उपलब्ध नहीं थे। अधिकांश एंबुलेंस आवश्यक जीवनरक्षक उपकरणों के बिना संचालित हो रही थीं। स्वास्थ्य विभाग उन 15 भूखंडों का उपयोग करने में असफल रहा, जिन्हें विशेष रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अधिग्रहित किया गया था।
हर वर्ष बजट का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं किया गया। वर्ष 2018-19 में स्वास्थ्य अवसंरचना के लिए आवंटित बजट का 78.41 फीसदी हिस्सा अनुपयोगी रह गया।
अध्यक्ष ने कैग रिपोर्ट को सदन की लोक लेखा समिति के पास भेजने का निर्णय लिया। समिति इस रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर जाँच करेगी और तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा सचिवालय इस रिपोर्ट को तुरंत स्वास्थ्य विभाग को भेजेगा और स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर अपनी अनुपालना कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।