विज्ञापन

बब्बर खालसा का आतंकी महाकुंभ में हमला कर भारत से भागना चाहता था: डीजीपी 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से बृहस्पतिवार तड़के गिरफ्तार किया गया बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का आतंकी लजर मसीह महाकुंभ के दौरान अशांति फैलाकर भारत से फरार होना चाहता था। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस.

- विज्ञापन -

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से बृहस्पतिवार तड़के गिरफ्तार किया गया बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का आतंकी लजर मसीह महाकुंभ के दौरान अशांति फैलाकर भारत से फरार होना चाहता था। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में बृहस्पतिवार तड़के कौशांबी जिले से बीकेआई के सक्रिय आतंकवादी लजर मसीह को गिरफ्तार किया गया। डीजीपी कुमार ने कहा कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इस आतंकी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान से भारत में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी की पुष्टि भी हुई है। लखनऊ के सिग्नेचर बिल्डिंग में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी कुमार ने कहा कि मसीह ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी। उन्होंने कहा, हालांकि, धार्मिक आयोजन में कड़ी सुरक्षा जांच के कारण वह अपनी साजिश को अंजाम नहीं दे सका।

उन्होंने कहा कि साजिश को अंजाम नहीं दे सकने के बाद मसीह का इरादा फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर भारत से फरार होने और पुर्तगाल में शरण लेने का था। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसका बब्बर खालसा के एक सदस्य के साथ संबंध था जो पहले ही फर्जी यात्रा दस्तावेज के जरिए दुबई से भागा है। डीजीपी ने बताया कि मसीह पाकिस्तान में आईएसआई के तीन एजेंटों के संपर्क में था और वह पूर्व में हथियारों और हेरोइन की तस्करी के मामले में जेल जा चुका है, लेकिन 24 सितंबर 2024 को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के दौरान भाग गया था।

उन्होंने बताया कि भागने के बाद उसने 23 अक्टूबर 2024 को पंजाब के बटाला में स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के इशारे पर गोली चलाई थी जिसके बाद वह सोनीपत और दिल्ली में छिपा रहा। कुमार ने बताया कि मसीह पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमलों में शामिल बीकेआई के सदस्यों को कूट संकेतों के जरिए ग्रेनेड की आपूर्ति करता रहा है और वह पीलीभीत में मारे गए आतंकी विरेश सिंह उर्फ रवि के भी संपर्क में था। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मसीह अमेरिका स्थित एक खालिस्तानी आतंकी से जुड़े अजनाला स्थित एक शख्स और कतर में छिपे एक अन्य आतंकी के निरंतर संपर्क में था। पुलिस ने बताया कि उसने कूटरचित मंचों से संवाद किया और उसके मोबाइल फोन डेटा का एसटीएफ साइबर लैब में वेिषण किया जा रहा है।

डीजीपी कुमार ने कहा, मसीह आतंकी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने में पंजाब के मादक पदार्थ और फिरौती के अपने गिरोह का उपयोग कर रहा था। मुक्तसर जेल में एक साथी कैदी के जरिए आईएसआई के लोगों से उसका संपर्क स्थापित हुआ। कैदी ने उसे सीमा पार से ड्रोन का उपयोग कर हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों से संपर्क कराया। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि पंजाब के अमृतसर के रामदास क्षेत्र के कुरलियां गांव निवासी आरोपी लजर मसीह को तड़के करीब 3:20 बजे गिरफ्तार किया गया। अभियान कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र में चलाया गया था।

यश ने कहा, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आतंकवादी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के जर्मनी स्थित मॉड्यूल के प्रमुख स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम करता है और पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंटों के सीधे संपर्क में था। उन्होंने बताया कि उप्र एसटीएफ को आतंकी के पास से कुछ विस्फोटक सामग्री और अवैध हथियार बरामद करने में सफलता मिली है। उनके मुताबिक, जब्त सामग्रियों में तीन सक्रिय हैंड ग्रेनेड, दो सक्रिय डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल और 13 विदेशी कारतूस शामिल हैं।उन्होंने बताया कि इसके अलावा उसके पास से सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, एक आधार कार्ड जिसपर गाजियाबाद का पता है, बिना सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। डीजीपी कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि यह गिरफ्तारी आतंक रोधी अभियान में एक बड़ी सफलता है और आगे की पूछताछ कर मसीह के साथियों का पता लगाया जा रहा है।

Latest News