भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धर्मांतरण को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबरन या धोखे से किए जाने वाले धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए सरकार धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक में बदलाव करने जा रही है। नए प्रावधान के तहत जबरन धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार जबरदस्ती, बहला-फुसलाकर या किसी अन्य गलत तरीके से मतांतरण करने वालों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को समाज में जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
इस नए कानून के लागू होने के बाद मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां जबरन धर्मांतरण कराने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे मतांतरण के मामलों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बीते कुछ समय में धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं। इनमें कुछ मामलों में आरोप लगाया गया कि कुछ युवकों ने अपनी असली पहचान छिपाकर युवतियों से नजदीकी बढ़ाई और फिर उनके साथ धोखे से संबंध बनाकर मतांतरण का दबाव डाला।
राजधानी भोपाल में हाल ही में एक इंजीनियरिंग छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में हिंदू संगठनों ने थाने में प्रदर्शन कर लव जिहाद की जांच की मांग की थी। इस घटना के बाद सरकार ने मतांतरण पर और सख्त कानून बनाने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार प्रदेश में जबरन धर्मांतरण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। नए कानून के तहत कड़ी सजा का प्रावधान कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।