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केंद्र ने लॉन्च की नई स्कीम, स्टील सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा

नेशनल डेस्क : स्टील रिसर्च टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) ने विज्ञान भवन में आयोजित भारतीय इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का उत्प्रेरण कार्यक्रम में तीन नई रिसर्च और डेवलपमेंट स्कीम और एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में सेल सहित प्रमुख स्टील कंपनियां, देश के टॉप शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी कानपुर, आईआईटी.

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नेशनल डेस्क : स्टील रिसर्च टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) ने विज्ञान भवन में आयोजित भारतीय इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का उत्प्रेरण कार्यक्रम में तीन नई रिसर्च और डेवलपमेंट स्कीम और एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में सेल सहित प्रमुख स्टील कंपनियां, देश के टॉप शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास और आईएसएम धनबाद तथा रिसर्च स्टार्टअप शामिल हुए। कार्यक्रम में स्वीडिश एनर्जी एजेंसी और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया। इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजनाओं और एसआरटीएमआई वेब पोर्टल को लॉन्च किया और इस्पात क्षेत्र में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर जोर दिया।

2030 तक 300 मिलियन टन स्टील कैपेसिटी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई आरएंडडी पहल और स्टीलकोलैब भारत के 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील कैपेसिटी की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एसआरटीएमआई द्वारा शुरू की गई तीन योजनाओं में चैलेंज मेथड – राष्ट्रीय हित की महत्वपूर्ण उद्योग-व्यापी चुनौतियों की पहचान करना और उनका समाधान करना, ओपन इनोवेशन मेथड – उद्योग के सहयोग से शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से ओपन रिसर्च प्रस्तावों का समर्थन करना और स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर – कटिंग एज स्टील टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए शुरुआती चरण के स्टार्टअप का समर्थन करना शामिल है। स्टीलकोलैब प्लेटफॉर्म एक मैचमेकिंग हब के रूप में काम करेगा, जो उद्योग जगत के नेताओं, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और शिक्षाविदों को डीकाबरेनाइजेशन, डिजिटलीकरण और एडवांस्ड स्टील डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए जोड़ेगा।

उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर

इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने ग्लोबल स्टील डिमांड हब के रूप में भारत के उभरने पर प्रकाश डाला, उन्होंने अनुमान लगाया कि 2030 से पहले प्रति व्यक्ति खपत 100 किलोग्राम से बढ़कर 158 किलोग्राम हो जाएगी। सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने भारत की ग्लोबल स्टील प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत की 11 प्रतिशत स्टील मांग वृद्धि का जिक्र किया – जो वैश्विक औसत 0.5 प्रतिशत से काफी अधिक है और जॉइंट रिसर्च को बढ़ावा देने में रिसर्च और डेवलपमेंट योजनाओं के महत्व को रेखांकित किया। ‘उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा’ विषय पर एक पैनल चर्चा में पायलट टेस्टिंग सुविधाओं, उद्योग से जुड़े यूनिवर्सिटी प्रोग्राम, ग्रीन स्टील और डीकाबरेनाइजेशन पर केंद्रित रिसर्च प्राथमिकताओं की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।

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