नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने छेड़छाड़ की रोकथाम के लिये एक दस्ता ‘शिष्टाचार’ शुरू किया है, जिसकी कम से कम 30 टीमें राष्ट्रीय राजधानी में, विशेषकर संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई हैं। इसका मकसद उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाना एवं सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ‘एंटी-रोमियो स्क्वाड’ बनाने का वादा किया था जिससे सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा आठ मार्च को जारी एक परिपत्र के अनुसार, इन दस्तों में पुरुष और महिला अधिकारी शामिल होंगे, जो संवेदनशील इलाकों में गश्त करेंगे, शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेंगे और महिलाओं से छेड़छाड़ के खिलाफ कानूनों के प्रति लोगों को जागरुक करेंगे।
इसमें कहा गया है कि इन दस्तों को छेड़छाड़ के मामलों में रोकथाम, हस्तक्षेप और पीड़ित सहायता जैसे बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाने का निर्देश दिया गया है।
दस्तों को निर्देश दिया गया है कि वे व्यक्तिगत या सांस्कृतिक नैतिकता को थोपे बिना कानून को प्रभावी रूप से लागू करें और पीड़ितों को अनावशय़क सार्वजनिक जांच या र्शिमंदगी से बचाएं।
अधिकारियों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 और 78 के तहत त्वरित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक जिले में कम से कम दो दस्ते बनाए जाएंगे जिनकी निगरानी संबंधित जिले के ‘अपर पुलिस आयुक्त (महिलाओ के विरुद्ध अपराध प्रकोष्ठ)’ करेंगे।
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि हर दस्ते में एक निरीक्षक, एक उप-निरीक्षक, चार महिला अधिकारी, पांच पुरुष अधिकारी और ‘एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड’ के विशेष स्टाफ का एक तकनीकी सहायक होगा।
इन दस्तों को एक चार पहिया वाहन और पर्याप्त दोपहिया वाहन प्रदान किए जाएंगे ताकि वे प्रभावी गश्त और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर सकें।