नेशनल डेस्क : नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बुधवार तड़के भारतीय समयानुसार पृथ्वी पर वापस लौट आए। दोनों अंतरिक्ष यात्री 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू यान में सवार होकर अंतरिक्ष गए थे, और उनकी यात्रा एक हफ्ते में पूरी होनी थी। लेकिन यान में तकनीकी खराबी के कारण उन्हें अंतरिक्ष में अधिक समय तक रहना पड़ा। आखिरकार, नौ महीने बाद वे सुरक्षित रूप से धरती पर लौट आए। वहीं जब अंतरिक्ष से वापसी के समय, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी पर पहुंचा। इस कैप्सूल का रंग पूरी तरह से बदलकर काला हो गया था। यह काला रंग इस बात का संकेत था कि जब यह कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो इस पर कितना अधिक तापमान पड़ता है। अनुमान के अनुसार, कैप्सूल का तापमान वायुमंडल में प्रवेश करते समय लगभग 3500 डिग्री फेरेनहाइट तक बढ़ जाता है। इस तापमान के कारण कैप्सूल का बाहरी हिस्सा आग के गोले जैसा दिखने लगता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से..
कैप्सूल में तापमान की सुरक्षा
आपको बता दें कि इतने उच्च तापमान में भी कैप्सूल के अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रहते हैं। इसका कारण है कि कैप्सूल का निर्माण ऐसे विशेष मैटेरियल से हुआ है, जो बाहरी तापमान को अंदर तक नहीं पहुंचने देता। इसके अंदर का तापमान बहुत कम रहता है, जिससे यात्री पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं।
#WATCH | NASA’s Boeing Starliner astronauts Sunita Williams and Barry Wilmore are back on Earth after the successful Splashdown of SpaceX Dragon spacecraft carrying Crew-9 at Tallahassee, Florida – where the recovery personnel are continuing to step through procedures to hoist… pic.twitter.com/z8Kmngy3em
— ANI (@ANI) March 18, 2025
कैप्सूल की संरचना और सुरक्षा
ड्रैगन कैप्सूल को विशेष तरह के मैटेरियल से बनाया गया है ताकि यह उच्च तापमान और बाहरी प्रभावों से बच सके। कैप्सूल का प्राइमरी स्ट्रक्चर CFRP (कार्बन फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलिमर) से बना है, जो वजन के अनुपात में बहुत मजबूत होता है और इसके अंदर किसी भी तरह के संक्षारण (इरोजन) को रोकने की शक्ति रखता है। कुछ हिस्से, जैसे कैप्सूल का फ्रेम और अन्य संरचनात्मक तत्व, उच्च शक्ति वाले एल्यूमीनियम मिश्र धातु (जैसे 2219 और 6061) से बने होते हैं। कैप्सूल की हीट शील्ड PICA-X नामक एक विशेष मैटेरियल से बनी है, जो थर्मल सुरक्षा प्रदान करती है। यह एक प्रकार का फेनोलिक इंप्रेग्नेटेड कार्बन एब्लेटर (PICA) मैटेरियल है, जो कैप्सूल को अंतरिक्ष में फिर से प्रवेश करते समय तापमान से सुरक्षा प्रदान करता है।
घर वापसी का रोमांचक पल
ड्रैगन कैप्सूल की यह यात्रा अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी का सबसे रोमांचक पल था। करीब 46 मिनट के सफर के बाद, यह कैप्सूल समंदर में पूरी सुरक्षा से उतरा। यह दृश्य नासा के वैज्ञानिकों के लिए बेहद खुशी का पल था। जैसे ही कैप्सूल समंदर में उतरा, नासा की कमेंटेटर ने खुशी से चहकते हुए यह ऐतिहासिक क्षण सबके साथ साझा किया। इस पल को देखकर न केवल वैज्ञानिकों, बल्कि अमेरिका के हर कोने में लोग खुशी से झूम उठे।
#WATCH | Being stranded at the International Space Station for 9 months, Sunita Williams is back on Earth with a smile
Today, NASA’s SpaceX Crew-9 – astronauts Nick Hague, Butch Wilmore, Sunita Williams, and Roscosmos cosmonaut Aleksandr Gorbunov returned to Earth after the… pic.twitter.com/mdZIQTG4SN
— ANI (@ANI) March 18, 2025
भारत में भी जश्न का माहौल
अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी ने न केवल अमेरिका में खुशी का माहौल बनाया, बल्कि भारत में भी यह खुशी मनाई गई। जैसे ही यह खबर आई, भारत में भी पटाखे जलाए गए और लोग सुनीता विलियम्स की वापसी का जश्न मना रहे थे। सुनीता के लिए भारत में हमेशा एक विशेष जगह रही है, और उनके घर लौटने का यह पल पूरे देश के लिए गर्व और खुशी का कारण बन गया।
अंतरिक्ष मिशन की सफलता और भारत के योगदान
यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, और इसके पीछे नासा और SpaceX की टीम का अथक प्रयास था। सुनीता विलियम्स, जिनका संबंध भारतीय मूल से है, ने इस मिशन के दौरान भी साबित किया कि भारतीयों की क्षमता अंतरिक्ष में भी बड़ी है। उनके योगदान और सफल वापसी ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है