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नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड की पुलिस ने जारी की तस्वीर, भाषण के बाद इलाके में भड़क उठी थी हिंसा

नेशनल डेस्क: नागपुर हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड का खुलासा करते हुए उसकी एक तस्वीर जारी कर दी है। पुलिसा का दावा है कि फहीम शमीम खान नाम के इस शख्स ने ही लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी। इसके बाद अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़.

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नेशनल डेस्क: नागपुर हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड का खुलासा करते हुए उसकी एक तस्वीर जारी कर दी है। पुलिसा का दावा है कि फहीम शमीम खान नाम के इस शख्स ने ही लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी। इसके बाद अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी थी। इस हिंसा में 34 पुलिसकर्मियों के अलावा कई लोग घायल हुए थे।

नितिन गडकरी के खिलाफ लड़ा था चुनाव
फहीम खान ने 2024 में नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। उन्होंने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह 6.5 लाख से अधिक मतों के बड़े अंतर से हार गए थे। फहीम खान ने माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रतिनिधत्व किया था।

भाषण ने इलाके में सांप्रदायिक तनाव को भड़काया
नागपुर पुलिस का दावा है कि 38 साल के फहीम खान के भाषण ने इलाके में सांप्रदायिक तनाव को भड़काया, जिससे हिंसा भड़क उठी। उस पर समुदाय को भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। फहीम खान एमडीपी के शहर अध्यक्ष हैं और नागुपर के यशोधरा नगर में संजय बाग कॉलोनी के निवासी हैं। हिंसा का मुख्य आरोपी होने की वजह से उसका नाम एफआईआर में शामिल किया गया है।

क्यों भड़की हिंसा
बता दें कि, मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर सोमवार रात को दो गुटों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए। अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जमकर पथराव किया गया। हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था। इस हिंसा में पुलिस ने करीब 60 से ज्यादा दंगाइयों को हिरासत में लिया था।

कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं: फडणवीस 
नागपुर हिंसा पर विधानसभा में बोलते हुए मंगलवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद एक अफवाह फलाई गई कि धार्मिक सामग्री को जलाया गया। जिसके चलते मामला काफी गरमा गया और हिंसा की घटनाएं हुईं। यह एक सुनियोजित हमला लगता है, लेकिन किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘छावा’ फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़काया, लेकिन सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए।

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