एक बाऱ फिर UP में ट्रेन पलटाने की साजिश, रेलवे ट्रैक पर मिला सीमेंट का पिलर

बलिया। सितंबर माह में ट्रेनों को बेपटरी करने की तमाम खबरें सामने आ चुकी हैं। अब एक ही दिन में तीन जगहों पर ट्रेन पलटाने का प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश के बलिया, मिर्जापुर और महोबा में 28 सितंबर को ही ट्रेनों को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई है। हालांकि सजगत के.

बलिया। सितंबर माह में ट्रेनों को बेपटरी करने की तमाम खबरें सामने आ चुकी हैं। अब एक ही दिन में तीन जगहों पर ट्रेन पलटाने का प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश के बलिया, मिर्जापुर और महोबा में 28 सितंबर को ही ट्रेनों को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई है। हालांकि सजगत के कारण अनहोनी बच गई। वहीं, घटनाओं के बाद शनिवार को बलिया में ट्रेन को बेपटरी करने की कोशिश हुई। बकुलहा-मांझी स्टेशन के बीच ट्रैक पर पत्थर के बड़े टुकड़े से लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस का इंजन टकरा गया।

बलिया व छपरा की आरपीएफ टीम के साथ ही आरपीएफ क्राइम ब्रांच छपरा व पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जांच की। पुलिस क्षेत्राधिकारी बैरिया मो. उस्मान ने बताया कि यह जानकारी नहीं हो सकी कि पत्थर कितना बड़ा था। पत्थर से इंजन के टकराने के बाद पटरी पर रगड़ के निशान पाए गए हैं। घटनास्थल के आसपास बाढ़ पीड़ितों ने ठिकाना बना रखा है। यह ट्रेन को पलटाने की साजिश थी या किसी की शरारत, इसकी जांच की जा रही है।

इधर, मीरजापुर में भी जिवनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास डाउन लाइन के ट्रैक के बीचो-बीच अग्निशमन यंत्र पाया गया। उस समय मालगाड़ी गुजर रही थी। दोनों ही मामलों में लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस सुबह करीब नौ बजे बलिया स्टेशन से चली।

बकुलहा-मांझी रेलवे स्टेशन के बीच मांझी पुल से करीब 300 मीटर पहले लोको पायलट को पटरी पर पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा दिखा। ट्रेन की गति करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन पत्थर इंजन के सेफ्टी गार्ड से टकराकर टुकड़े-टुकड़े हो गया। लोको पायलट ने मांझी रेलवे स्टेशन को सूचना दी और सेफ्टी चेक के बाद ट्रेन को लेकर छपरा रवाना हो गया।

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