जालंधर: गर्मियों की शुरुआत में सांप के काटने की खबरें बहुत सुनने में आतीं हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस समय ही क्यों सांप अपने बिल से बाहार आते है आखिर क्यों इन दिनों सांप के काटने के मामले क्यों बढ़ जाते है। तो चलिए जानते है: आपको बता दे कि सांप,‘कोल्ड ब्लडेड’ है। ये अपने बॉडी का तापमान खुद सामान्य नहीं कर सकते है।
जिस कारण सांपो को ठंड के दिनों में उचित एनर्जी नहीं मिल पाती। दरअसल, इन दिनों सांप का मेटाबॉलिज्म बहुत स्लो हो जाता है। जिस वजह से ये न तो तेजी से भाग सकते हैं और न शिकार कर सकते हैं। जिस लिए ये अधिकतर समय सोने में बिताते है। इनकी ज्यादातर कोशिश यही रहती है की जो एनर्जी इकट्ठा की है, उसे स्टोर करके रखें। लेकिन गर्मीया की शुरूआत होते ही और तापमान बढ़ने के वजह से सांप अपने बिल से बाहर निकल आते हैं।
क्युकी वो गर्मी के दिनों में सांप को उचित एनर्जी मिलती है और उनका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है।इसलिए वे हाइपर एक्टिव हो जाते हैं। ये शिकार की तलाश में निकलते है और प्रजनन भी करते हैं। वही अगर एक्सपर्ट्स की माने तो उनका कहना है कि तापमान बढ़ने के साथ सांप का शरीर भी गर्म होने लगता है। जिससे वजह से कई बार उनकी मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए तापमान में गर्माहट होने के कारण सांप ठंडी जगह की तलाश में अपने बिल से बाहर आ जाते हैं और रिहायशी इलाकों के आसपास दिखाई देने लगते हैं।
गर्मी के दिनों में दैनिक तापमान में प्रत्येक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ सांपों के काटने के चांस लगभग 6% बढ़ जातें हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर साल 5,8000 से ज्यादा लोगों की मौत सांप के काटने की वजह से होती है। स्नेक बाइट यानी सांप के काटने की घटनाओं और आंकड़ों पर नजर डालें तो पता लगता है कि सबसे ज्यादा केसेज अप्रैल से अक्टूबर के बीच सामने आते हैं। स्नेक बाइट के 80 फीसदी से ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों के होते हैं।