इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर में महिला के रूप में जन्मे 49 वर्षीय व्यक्ति ने लिंग पुष्टिकरण सजर्री कराने के बाद अपनी बहन की सहेली के साथ शादी रचाई है। इस जोड़े ने प्रशासन से विवाह पंजीकरण का प्रमाणपत्र भी हासिल किया है। देश में एलजीबीटीक्यूआईए+समुदाय को लेकर जागरूकता बढ़ने के बीच यह अनूठी शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि दो साल पहले लिंग पुष्टिकरण सजर्री कराने वाले अस्तित्व (49) ने आस्था नाम की महिला से शादी के पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान वर के रूप में आवेदन किया। अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) रोशन राय ने बताया कि अस्तित्व ने अपने विवाह के पंजीकरण के आवेदन के साथ जरूरी मेडिकल प्रमाणपत्र एवं अन्य दस्तावेज भी प्रशासन के सामने प्रस्तुत किए। एडीएम ने कहा कि विवाह इस जोड़े की आपसी रजामंदी से हुआ और इसके खिलाफ किसी भी व्यक्ति ने प्रशासन के सामने कोई आपत्ति दायर नहीं की, नतीजतन तय प्रक्रिया के तहत उनके नाम विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी किया गया।
इस बीच, अस्तित्व और आस्था की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। इनमें से एक तस्वीर में विवाह के बाद घर पहुंचे वर-वधू का उनके परिजन आरती उतारकर ढोल की थाप पर स्वागत करते नजर आ रहे हैं।अस्तित्व, पेशे से प्रॉपर्टी कारोबारी हैं। उनका कहना है कि एक महिला के रूप में खुद को सहज महसूस नहीं करने के कारण उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अपने 47वें जन्मदिन पर लिंग पुष्टिकरण सजर्री कराई। सजर्री से पहले उनका नाम अलका था। अस्तित्व ने बताया कि उनकी जीवनसंगिनी का असली नाम ऋतु है और उन्होंने प्रेम से उन्हें आस्था नाम दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आस्था नाम के काल्पनिक पात्र का मुझे हमेशा अहसास रहा है।
मैं सोचता था कि मैं जब भी शादी करूंगा, अपनी जीवनसंगिनी का नाम आस्था ही रखूंगा। जीवनसंगिनी के रूप में आस्था को अपने जीवन में देखकर मुझे जो खुशी हो रही है, वह शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है। आस्था ने कहा, ‘‘मैं अस्तित्व के साथ शादी से बहुत खुश हूं। अस्तित्व से मेरी पहली मुलाकात उनकी बहन के जरिये हुई थी। हम पिछले पांच-छह महीने से एक-दूसरे को समझ रहे थे। फिर हमें अहसास हुआ कि हम एक जोड़े के तौर पर एक-दूसरे के लिए बिल्कुल सही हैं।’’