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South Korean ऑर्बिटर पर लगे NASA के कैमरे ने कैद की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीर

वाशिंगटन: दक्षिण कोरिया के ऑर्बिटर दानुरी पर लगे अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा के कैमरे ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरें भेजी हैं। मलिन स्पेस साइंस सैंटर और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) द्वारा निर्मित कैमरा शैडोकैम ऑर्बिटर पर लगा एकमात्र अमरीकी उपकरण है। शेष 5 उपकरण दक्षिण कोरिया के ही हैं। ऑर्बिटर दानुरी का आधिकारिक नाम कोरिया पाथ फाइंडर लूनर ऑर्बिटर (केपीएलओ) है जिसे कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीच्यूट ने बनाया है। दानुरी को अगस्त 2022 में लांच किया गया था।

इसने 145 दिन की यात्रा के बाद 27 दिसंबर को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया और इस साल 4 फरवरी से ऑप्रेशन आरंभ किया। शैडोकैम चंद्रमा पर भेजे गए दूसरे कैमरों की तुलना में प्रकाश के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। यह चंद्रमा के हमेशा छाया में रहने वाले क्षेत्रों की भी हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। शैडोकैम चंद्रमा के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरें लगातार ले रहा है। शैडोकैम ने चंद्रमा की कक्षा से उसकी जो शुरुआती तस्वीरें भेजी थी उनमें दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के पास छाया में रहने वाली स्थाई दीवारों और शैकलटन क्रेटर की तस्वीरें शामिल हैं।

एक और तस्वीर में शैडोकैम ने ध्रुव के पास के छाया में स्थित क्षेत्र को दिखाया है। इसमें ब्रुश क्रेटर के अंदरूनी हिस्सों और क्रेटर की दीवार से मिट्टी खिसकने के कारण बने चमकीली परत की झलक मिलती है। ये तस्वीरें उस समय ली गई हैं जब उस क्षेत्र में पृथ्वी से परावर्तित प्रकाश के कारण हल्की रौशनी थी। हालांकि यह रौशनी चंद्रमा के हमेशा प्रकाशित रहने वाले क्षेत्र की तुलना में 10 गुणा कम है। शैडोकैम ने मार्विन क्रेटर के रिम की तस्वीर भी ली है जो दक्षिणी ध्रुव से करीब 26 किलोमीटर दूर है।

शैडोकैम की तस्वीरों से आर्टेमिस मिशन के लिए विज्ञान एवं अनुसंधान की योजना बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि कम रौशनी में तस्वीरें लेने के लिए बनाया गया शैडोकैम आर्टेमिस मिशन के दौरान चंद्रमा परं सूरज की रौशनी में उतरने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की तस्वीरें नहीं ले पाएगा। लेकिन यदि अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर रात के समय स्पेसवॉक करते हैं तो उसकी तस्वीर इस कैमरे से ली जा सकेगी।

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