मुंबई: अब तक यही समझा जाता रहा है कि केवल इंसान ही कल्पनाशील जीव होता है, लेकिन नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि चूहे भी इंसान की तरह कल्पना कर सकते हैं और वे अपनी स क्षमता का उपयोग भी करते हैं। इस खुलासे से जीव विज्ञान के साथ ही चिकित्सा जगत में भी नए आयाम खुल सकेंगे। हाल ही में हॉवर्ड ह्यूज मेडिकल इंस्टीट्यूट के जेनेलिया रिसर्च कैम्पस के अध्ययन में पता चला है कि चूहे कल्पना कर स्थान और वस्तुओं के बारे में सोच सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने टिम हैरिस और अल्बर्ट ली के लैब के सहयोग से एक ऐसा नवाचार तंत्र विकसित किया गया जिसमें वर्चुअल रिअलिटी को ब्रेन मशीन इंटरफेस से जोड़ा जा सका और शोधकर्ता चूहों के दिमाग के अंदर चल रहे विचार प्रवाह तक पहुंच सके। इस अध्ययन के नतीजों से स्पष्ट हुआ है कि जानवर भी इंसान की तरह जगह और वस्तुओं के बारे में सोच सकते हैं जो सामने दिखाई ना दे रही हों जो कि इंसान की मानसिक तौर पर किसी स्थान पर पहुंचने की योजना बना पाते हैं। इस खास क्षमता को स्पेटियल मैमोरी कहते हैं. वे जिस वातावरण में जाने वाले हैं वहां पहुंचने से पहले ही वहां की स्थितियों की कल्पना करने में सक्षम होते हैं।