हिमालय की गोद में है पारलौकिक अदृश्य दुनिया,ऋषि मुनि यहीं करते हैं तपस्या

  जैसे कि आप जानतें है हमारा भारत रहस्यों की भूमि है। यहां आप जहां जाएंगे वहां से जुड़ी कोई ना कोई कहानी आपको हैरान जरूर करेगी। आज हम आपको हिमालय की गोद में बसे एक शहर की कहानी बताएंगे, जो पूरी तरह से अदृश्य है। हम जिस शहर की बात कर रहे हैं उसे.

 

जैसे कि आप जानतें है हमारा भारत रहस्यों की भूमि है। यहां आप जहां जाएंगे वहां से जुड़ी कोई ना कोई कहानी आपको हैरान जरूर करेगी। आज हम आपको हिमालय की गोद में बसे एक शहर की कहानी बताएंगे, जो पूरी तरह से अदृश्य है। हम जिस शहर की बात कर रहे हैं उसे शांगरी-ला घाटी कहते हैं. अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर मौजूद इस घाटी को लेकर कहा जाता है कि एक बार जो यहां चला जाए वह वापिस कभी नहीं आ सकता।

आपको बता दें, चीन की सेना इस घाटी की सही लोकेशन तलाशने के लिए काफी समय तक कोशिश करती रही. लेकिन उसे आज तक कभी कुछ नहीं मिला। कई विदेशियों ने भी इसको खोजने का प्रयास किया, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला। युत्सुंग जैसे विद्वान दावा करते हैं कि वो इस घाटी में जा चुके हैं।

उनका दावा है कि इस घाटी में ना तो सूरज की रौशनी पहुंचती है ना ही चंद्रमा की, लेकिन इसके बाद भी यह घाटी हमेशा रौशनी से जगमगाती रहती है। इस अदृश्य शहर का जिक्र तिब्बती भाषा कि किताब काल विज्ञान में भी है. इसके अनुसार, इस घाटी में समय यानी काल का कोई असर नहीं दिखता। यानी यहां लोग पृथ्वी के अन्य हिस्सों की तरह बूढ़े नहीं होते।

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