इंग्लैंड की रहने वाली 13 साल की सियारा फ्रैंको नामक एक लड़की जो पिछले 10 साल से सर पास्ता खा कर अपनी जिंदगी जी रही है। जो पास्ता और क्रोइसैन के अलावा कुछ ओर खाने से डरती हैं। जिस दौरान फ्रैंको का कहना है कि एक बार खाना उसके गले में अटक गया था और इसकी वजह से उसका दम घुटने लगा। इस दौरान उसको लगा कि अगर वो हार्ड फूड खाएगी, तो उसे बार-बार इसी परेशानी से गुजरना होगा। जी हाँ और देखते ही देखते ये बात उसके दिमाग में इतना घर कर गई कि इस घटना के बाद उसने पास्ता और क्रोइसैन के अलावा और किसी दूसरे फूड को हाथ तक नहीं लगाया।
अब फ्रैंको की मां एंजेला ने ने इस बारे में बातचीत करते हुए कहा, ‘लगभग तीन साल की उम्र से वह एक ही डाइट ले रही है। वह दोपहर को क्रोइसैन और रात के खाने में सादा पास्ता लेती है।’ इसी के साथ उनकी मां का कहना है, ‘मुझे याद है जब वह बच्ची थी तब वह कभी-कभी सादे अनाज जैसे कॉर्नफ्लेक्स, नमकीन वगैरह खाती थी। मैंने उसे खाने की दूसरी चीजें खिलाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह नहीं खाती थी।’
हालाँकि अंत में महिला ने थक हारकर डेविड किल्मरी नाम के एक हिप्नोथेरेपिस्ट से संपर्क किया। हिप्नोथेरेपी के कुछ सेशन के बाद फ्रैंको की खाने की आदतों में थोड़ा बदलाव आया, हालाँकि पूरी तरह से वह अभी भी क्रोइसैन और पास्ता पर ही निर्भर है। वहीं दूसरी तरफ मां एंजेला को इस बात की खुशी है कि उनकी बेटी ने अब अनानास, खट्टा चिकन और भुने हुए आलू को भी ट्राय करना शुरू कर दिया है।