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क्या है ‘विश्व डाक दिवस’ का इतिहास, महत्व और विजन ?

विश्व डाक दिवस प्रतिवर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष संगठन, विश्व डाक संघ (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जो 1874 में स्थापित किया गया

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विश्व डाक दिवस प्रतिवर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष संगठन, विश्व डाक संघ (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जो 1874 में स्थापित किया गया था। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य डाक सेवाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और डाक सेवाओं के माध्यम से दुनिया भर में लोगों को जोड़ने की भूमिका को पहचानना है। यह दिवस डाक सेवाओं के इतिहास, उनकी प्रगति, और समाज में उनके योगदान को मनाने का अवसर भी प्रदान करता है।

इस दिन विभिन्न देशों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, इनमें डाक टिकटों की प्रदर्शनी, डाक सेवाओं से जुड़े लोगों को सम्मानित करना, और डाक सेवाओं के बारे में जागरूकता अभियान शामिल हो सकते हैं। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाने का उद्देश्य आम जन को भारतीय डाक विभाग के योगदान से अवगत कराना है। सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाए जाते हैं।

10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को पीएलआई दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस और 15 अक्टूबर को मेल दिवस मनाया जाता है। सेविंग दिवस पर ग्राहकों को डाक बचत योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है।

ग्राहकों को बताया जाता है कि कौन सी बचत योजना लाभदायक है। डाक सप्ताह दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है।

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