10 Thousand Bus Marshals Employment : दिल्ली में 10 हजार बस मार्शलों को फिर से रोजगार मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में इन सिविल डिफेंस वॉलंटियरों और बस मार्शलों की तैनाती को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को बताया कि एक सप्ताह के भीतर वे ऑन-डयूटी होंगे। सीएम आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा इन 10 हजार मार्शलों की नियुक्ति की मंजूरी दे दी गई है। प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में अगले चार महीने वे अहम भूमिका निभाएंगे। सीएम आतिशी ने कहा कि, प्रदूषण हॉटस्पॉट्स की निगरानी से लेकर खुले में आग जलाने पर नियंत्रण और शिकायतों के फॉलो-अप में बस मार्शलों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया, कि ‘सोमवार से बस मार्शलों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही दिल्ली सरकार जल्द बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजेगी।‘ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे जितना षड़यंत्र रचे, ‘अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में हम दिल्लीवासियों की हर समस्या का समाधान जरूर निकालेंगे‘।
सीएम आतिशी ने कहा कि, दिल्ली में बसों में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में दिल्ली की बसों में बस मार्शल तैनात किए। ये मार्शल इसलिए तैनात किए गए ताकि महिलाओं के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, बदतमीजी न हो, डीटीसी बसों में बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि बसों में इन मार्शलों की नियुक्ति से महिलाओं-बुजुर्गों-बच्चों को जो सुरक्षा मिली, उसके कई प्रमाण दिल्लीवालों ने देखे। मार्शलों ने बस में महिलाओं के साथ होने वाली बदतमीजी को रोका, किसी बच्चे के अपहरण होने के प्रयास को रोका, बुजुर्गों की मदद की हैं।
सीएम आतिशी ने आरोप लगाया, कि ‘लेकिन भाजपा को महिलाओं-बुजुर्गों-बच्चों की सुरक्षा नहीं जंची। गरीब घरों के 10 हजार युवाओं को मार्शलों के तौर पर काम मिलना नहीं जंचा। इसलिए, भाजपा ने षड़यंत्र रचकर अपने अधिकारियों के माध्यम से अप्रैल 2023 से इन बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी।‘ आतिशी ने कहा कि, ‘तब दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने तब बार-बार अफसरों को आदेश दिए कि बस मार्शलों को तनख्वाह मिलनी चाहिए। लेकिन भाजपा ने उनकी तनख्वाह नहीं मिलने दी और अक्टूबर 2023 में भाजपा ने अपने अफसरों के माध्यम से इन 10,000 बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वालंटियर्स को नौकरी से निकलवा दिया।‘
उन्होंने कहा, कि ‘इससे एक तरफ बसों में महिलाएं असुरक्षित हुईं और दूसरी तरफ 10 हजार से ज़्यादा परिवार के युवा बेरोजगार हो गए। अरविंद केजरीवाल जी ने बार-बार कहा कि इन बस मार्शलों को वापस रखा जाए। उन्होंने प्रण लिया कि चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े, इन बस मार्शलों को वापस रोजगार दिलवाएंगे।‘ सीएम आतिशी ने कहा कि, ‘पिछले एक साल से ये बस मार्शल और सिविल डिफेंस वालंटियर सड़कों पर संघर्ष करते रहे। दिल्ली सरकार, दिल्ली सरकार के मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उनका पूरा साथ दिया। चाहे सड़क पर संघर्ष करना हो, पुलिस की लाठियां खानी हों या गिरफ्तारी देनी हो, ‘आप‘ के विधायकों और दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने बस मार्शलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया।‘
उन्होंने कहा कि आखिरकार इस संघर्ष के सामने भाजपा को झुकना पड़ा और बस मार्शलों की दोबारा नियुक्ति के लिए तैयार होना पड़ा। आतिशी ने बस मार्शलों के लिए खुशखबरी देते हुए कहा कि, ‘आने वाले कुछ दिनों में बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल को भेजा जाएगा। लेकिन जब तक बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति नहीं होती, तब तक फरवरी के महीने तक प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में उन्हें तैनात किया जाएगा।‘