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KIIT में नेपाली छात्र की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी : ओडिशा सरकार 

नेशनल डेस्क : ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि केआईआईटी (कैलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी) में एक नेपाली छात्र की मौत और अन्य नेपाली छात्रों पर कथित हमले के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटनाएँ तूल पकड़ गई हैं, और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केआईआईटी के संस्थापक अच्युत सामंत की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस के युवा और छात्र कार्यकर्ताओं ने केआईआईटी के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और अच्युत सामंत का पुतला जलाया। जब ये कार्यकर्ता केआईआईटी परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, तो सुरक्षाकर्मियों और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गई। यह विरोध प्रदर्शन उस समय हुआ जब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने नेपाली छात्र की मौत और कथित हमले की न्यायिक जांच की मांग की थी।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि राज्य सरकार केआईआईटी घटना में कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और समिति के निष्कर्षों का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, केआईआईटी के संस्थापक अच्युत सामंत और संस्थान के आठ अन्य शीर्ष पदाधिकारियों ने सरकारी समिति के सामने पेश होकर अपनी बयानबाजी की है।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

मंत्री ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और अब तक 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें केआईआईटी के बाउंसरों, सुरक्षा गार्डों और अन्य अधिकारियों का नाम शामिल है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की है।

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप

मंत्री ने छात्र की मौत का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस उसकी संलिप्तता की जांच कर रही है। इसके अलावा, वायरल ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए इसे वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफ टेस्ट के लिए भेजा गया है। अगर यह सही पाया जाता है, तो आरोपी के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

भेदभाव का आरोप

पूर्व मुख्य सचिव बिजय पटनायक ने आरोप लगाया कि केआईआईटी में छात्रों के बीच भेदभाव हो रहा है, क्योंकि केवल नेपाली छात्रों को ही कैम्पस से बाहर निकाला गया है। इसने मामले को और जटिल बना दिया है, और इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। यह पूरा मामला राज्य में गंभीर तनाव का कारण बन चुका है, और जांच के परिणामों का सभी को इंतजार है।

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