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दंगों पर बात करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं अखिलेश : Keshav Prasad Maurya

हरदोई : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को सांप्रदायिक दंगों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। यादव ने यहा पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘अखिलेश यादव को कोई अधिकार नहीं है कि वह दंगे की बात पर कोई भी बात कहें क्योंकि उनके शासनकाल में उत्तर प्रदेश एक भी दिन दंगा मुक्त नहीं रहा। जब वह इस तरह की बात बोलते हैं तो यह बातें उनके मुंह पर शोभा नहीं देती हैं।’’

प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी के स्वर्गीय पति व पूर्व विधायक उपेंद्र तिवारी के पुण्यतिथि पर आयोजित किसान प्रदर्शनी में शामिल होने शाहाबाद कस्बे में आए मौर्य ने उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में सभी सीटें जीतने का दावा किया। साथ ही कहा कि जनता को गुमराह कर विपक्ष गुब्बारे की तरह फूल गया था हरियाणा चुनाव से गुब्बारे की हवा निकलना शुरू हो गई है। बहराइच हिंसा का चुनावी लाभ लेने संबंधी अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मौर्य ने कहा, कि ‘ अखिलेश यादव जी के पास बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है जिनके शासनकाल में उत्तर प्रदेश में एक भी दिन दंगा मुक्त नहीं रहा है दंगे के मामले में वह बोले तो शोभा नहीं देता है बहराइच हो या प्रदेश में कहीं भी हो कोई अराजकता करेगा कोई कानून व्यवस्था के साथ के साथ खिलवाड़ करेगा कोई किसी व्यक्ति पर हमला करेगा हत्या करेगा तो सरकार कानून के हिसाब से कार्रवाई के लिए एकदम तत्पर है।’’

उन्होंने कहा, कि ‘उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है क्योंकि जब अपराधियों के खिलाफ, माफिया के खिलाफ दंगाईयों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो यादव विचलित हो जाते हैं क्योंकि जिस दिन गुंडे अपराधी माफिया दंगाई सपा का साथ छोड़ देंगे उसे दिन सपा समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी।’’ मौर्य ने कहा, कि ‘अखिलेश यादव के बारे में बार-बार कर चुका हूं गुंडे, अपराधी, माफिया, भू माफिया शराब माफिया, नकल माफिया, भर्ती माफिया जितने भी हैं उनके सरगना है सरदार हैं और वह भारतीय जनता पार्टी के बारे में जब कुछ बोलते हैं तब लगता है कि उनको अपना इतिहास अपना शासनकाल याद में नहीं आता है अपने दल का आचरण याद नहीं आता है जहां अपराध होता है जहां अपराधी पकड़े जाते हैं उसके पीछे कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी के किसी नेता का हाथ होता है।’’

सपा महासचिव प्रो रामगोपाल यादव के उपचुनाव को लेकर दिए गए बयान का जबाब देते हुए उन्होंने कहा, कि ‘2014 से उनके दावे देखिये। 2014 में जो दावा किया, सपा सफल का नहीं हुई। 2017 में जो दावा किया सत्ता में थे, विफल हो गए 2019 में सपा बसपा गठबंधन में फेल हो गए। 2022 में कहे 400 सीट जीतेंगे चारों खाने चित हो गए। 2024 में उन लोगों ने जनता को गुमराह किया, ना संविधान को खतरा, न आरक्षण को खतरा न गरीब को खतरा न पी पिछड़ाें न दलितों को न गरीबों को कोई खतरा नहीं सबका सम्मान सबको अधिकार मिल रहा है यह बेचैनी इन लोगों की बढ़ती जा रही है क्योंकि हरियाणा में कमल करने के बाद उनके झूठ की पोल खुल गई।’’

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