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Amit Shah ने चुनाव हारने पर भी Ravneet Singh Bittu को बनाया ‘बड़ा आदमी’

कांग्रेस के मनीष तिवारी के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाने वालों में रवनीत बिट्टू दूसरे नेता

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लुधियाना : केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रवनीत बिट्टू के लिए चुनावी सभाएं की। इसके बावजूद लुधियाना संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के साथ नजदीकी मुकाबले में चुनाव हार गए। बिट्टू की चुनावी सभा में अमित शाह ने लुधियानवियों को कहा था कि बिट्टू को जिताओं वो उसे दिल्ली में ‘बड़ा आदमी’ बना देंगे। चुनाव हारने के बावजूद अमित शाह ने रवनीत बिट्टू को मंत्री परिषद में शामिल करके ‘बड़ा आदमी’ बनाकर अपना वादा पूरा कर दिया।

बिट्टू की हार से लुधियाना के भाजपाई जहां निराश थे, वहीं मंत्री बनने की सूचना से उनके चेहरे भी खिल उठे। लुधियाना से इससे पहले सिर्फ मनीष तिवारी को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला था। मनीष तिवारी 2012 से 2014 तक यानि सिर्फ 2 साल के लिए केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने थे। रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस से 3 बार सांसद चुने गए। 2009 से 2014 तक वो आनंदपुर साहिब से सांसद रहे जबकि उसके बाद लगातार 2 बार लुधियाना से सांसद चुने गए। 2009 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही। रवनीत बिट्टू को कांग्रेस ने पार्टी और सरकार में कभी कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी।

2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रवनीत बिट्टू भाजपा में शामिल हुए और उन्हें लुधियाना से उम्मीदवार बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेता चुनावी सभाओं में रवनीत बिट्टू को अपना मित्र बता चुके थे, जिससे पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि जीत के बाद उन्हें केंद्र सरकार में अहम जिम्मेदारी मिलेगी लेकिन उनके चुनाव हारने से भाजपा कार्यकत्र्ता व नेताओं की आस टूट सी गई थी लेकिन जैसे ही उनका नाम केंद्रीय मंत्री के तौर पर सामने आया तो सभी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

केंद्रीय मंत्री बनना सौभाग्य की बात, पंजाब का हर मसला हल करवाऊंगा : रवनीत बिट्टू

रवनीत सिंह बिट्टू के मंत्री बनने से उनके परिवार में भी खुशी है। रवनीत बिट्टू ने कहा कि मुङो शनिवार शाम को फोन आया कि सुबह गृहमंत्री के घर पहुंचना है। रविवार सुबह जब पहुंचा तो पता चला कि प्रधानमंत्री की क्लास में जाना है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सरकार में रहकर पंजाब के हर मसले का हल करवाऊंगा। उन्होंने लुधियाना जनता को आश्वस्त किया कि चुनाव के दौरान उन्होंने विजन डॉक्यूमैंट पेश किया था वो अक्षरश: लागू किया जाएगा।

रवनीत बिट्टू को मोदी कैबिनेट में जगह देकर भाजपा का स्पष्ट संकेत, ‘2027 में पंजाब हमारा है’

चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में जगह देकर स्पष्ट संकेत दिया है कि पंजाब उनकी प्राथमिकताओं में है। बिट्टू को बड़ी जिम्मेदारी देने के साथ ही भाजपा ने सन 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। शपथ ग्रहण के बाद रवनीति सिंह बिट्टू ने कहा कि वह पंजाब और दिल्ली के बीच सेतु का काम करेंगे। लुधियाना से भाजपा उम्मीदवार रहे रवनीत सिंह बिट्टू के चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह ने वादा किया था कि अगर बिट्टू जीते तो वह उन्हें बड़ा आदमी बनाएंगे।

लुधियाना के मतदाताओं ने भले ही बिट्टू पर विश्वास नहीं जताया लेकिन अमित शाह ने अपना वादा पूरा कर दिया। पंजाब से एक मात्र रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्र में मंत्री बना कर भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि वह पंजाब को लेकर बेहद गंभीर है और बिट्टू को प्रतिनिधित्व देकर वह राज्य में अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करने की दिशा में जुट गई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा भले ही कोई सीट नहीं जीत सकी है लेकिन अपने वोट प्रतिषत में 26.30 फीसदी की लंबी छलांग लगाई है। पार्टी राज्य की 117 विधानसभा सीटों में 23 सीटों पर वह सबसे आगे रही। भाजपा 8 जिलों में खाता खोलती दिखाई दी। उसे लुधियाना में 5 विधानसभा सीटों, अमृतसर, होशियारपुर, फिरोजपुर, पटियाला और गुरदासपुर में 3-3 सीटों पर सबसे आगे रही।

भाजपा अब पंजाब में अपने पैर जमा रही

35 साल पुराने सहयोगी शिरोमणि अकालीदल के नाता तोड़ने के बाद भाजपा अब पंजाब में अपने पैर जमा रही है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने कॉडर को फिर से खड़ा करना और नेताओं को प्रोत्साहित करना है ताकि वह संगठन की मजबूती के लिए केंद्रीय दिशा-निर्देशों के मुताबिक काम करें। भाजपा की कोशिश है कि वह राज्य के बड़े शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों की विधानसभा सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत करे और प्रदेश के नेताओं को इसके लिए बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेताओं को संगठन में अत्याधिक मान-सम्मान दिए जाने और अपने कॉडर की उपेक्षा करना भाजपा को इस चुनाव में मंहगा पड़ा है। रवनीत सिंह बिट्टू को कैबिनेट में जगह दिए जाने के बाद पंजाब के दिग्गज भाजपा नेताओं में निराशा बढ़ना लाजिमी है क्योंकि वे लंबे समय से राज्य में भगवा झंडा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री पंजाब को लेकर बेहद गंभीर हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव को जीत कर राज्य में भाजपा की सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं लेकिन यह राह इतनी आसान नहीं है।

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