नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर उनको अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद अब दिल्ली में नई सरकार के गठन की कवायद शुरू हो जाएगी। इस इस्तीफे से पहले मुख्यमंत्री आवास पर आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें आतिशी मार्लेना का नाम केजरीवाल की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों ने आतिशी के नाम पर मुहर लगाई।
अब आतिशी शपथ ग्रहण करने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगी। मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद आतिशी ने केजरीवाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर वो किसी और पार्टी में होती, तो उन्हें चुनाव का टिकट भी नहीं मिल पाता, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने ना केवल उन्हें विधायक बनाया, बल्कि मंत्री और अब मुख्यमंत्री पद के लिए भी उनका नाम आगे किया। आतिशी ने कहा कि इसके बाद भी वह इससे बिल्कुल भी खुश नहीं हैं, क्योंकि केजरीवाल को बीजेपी द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है। बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग उनके खिलाफ कर रही है।
आतिशी ने इस बात पर जोर दिया कि मुझे बधाई मत दीजिए। ये वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने दिल्ली की जनता को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देने की दिशा में उल्लेखनीय काम किए। लेकिन, यह दुख की बात है कि केजरीवाल को बीजेपी द्वारा परेशान किया जा रहा है। लेकिन, हम यह लड़ाई लड़ते रहेंगे।
बता दें कि आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने दो टूक कह दिया था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा से सीएम पद की कमान नहीं सौंपती है, तब तक वो इस पद को ग्रहण नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने नवंबर में ही विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र और झारखंड के साथ कराए जाने की मांग की थी।