बिहार डेस्क : हमारे देश में अक्सर यह खबरें सुनने को मिलती हैं कि किसी मंत्री, विधायक (MLA) या अन्य राजनीतिक नेताओं के घर पर भारी मात्रा में पैसे की गड्डियां मिली हैं। लेकिन, बात यहीं तक नहीं रुकती। इसके अलावा, एक और अहम मुद्दा है, और वह है भ्रष्ट सरकारी अधिकारी। हम यह भी सुनते हैं कि विभिन्न विभागों के अधिकारी या जिला अधिकारी के घर पर सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियां रेड करती हैं और बड़ी मात्रा में नकद राशि जब्त करती हैं। आज सीबीआई के हाथ एक और ऐसा मामला लगा है, जिसने सभी को चौंका दिया है। सरकारी अधिकारी के घर पर हुई छापेमारी और उसमें जब्त हुई भारी रकम ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के मुद्दे को हवा दी है। आइए जानते हैं इस खबर के बारे में विस्तार से और क्या है इस मामले की पूरी कहानी…
रंगे हाथ घूस लेते पकड़े गए GM
दरअसल, सीबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के जनरल मैनेजर (GM) रामप्रीत पासवान को रंगे हाथों घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है। पकड़े जाने के समय वह 15 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे। सीबीआई ने रामप्रीत पासवान के साथ तीन अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने उनके घर पर छापेमारी की, जिसमें करोड़ों रुपये का नकद रकम बरामद किया गया।
कुल 1.18 करोड़ रुपये की नकदी बरामद
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें NHAI के जनरल मैनेजर (GM) और एक निजी कंपनी के महाप्रबंधक (GM) शामिल हैं। इन आरोपियों ने NHAI के अनुबंधों और कार्यों से संबंधित बिलों को पास करने के बदले रिश्वत ली। इस कार्रवाई में सीबीआई ने 1.18 करोड़ रुपये नकद (लगभग) बरामद किए हैं। इसके अलावा, कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस भी मिले हैं।
क्या था मामला और आरोप
NHAI के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने निजी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर घूस के बदले उन्हें NHAI के अनुबंधों और कार्यों से संबंधित बिलों को पास करने में मदद की। इसके तहत, रिश्वत के पैसे की व्यवस्था करने के बाद, निजी कंपनी के एक आरोपी ने 22 मार्च को पटना में एक निश्चित स्थान पर अधिकारी से मिलकर 15 लाख रुपये की रिश्वत दी।
CBI की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
आपको बता दें कि सीबीआई ने जाल बिछाकर निजी कंपनी के आरोपी व्यक्ति और NHAI के जनरल मैनेजर को रंगे हाथों पकड़ा। इस दौरान घूस देने में मदद करने वाले निजी कंपनी के दो अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने इसके बाद पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के घरों और दफ्तरों में छापेमारी की। इन छापेमारियों से कुल 1,18,85,000 रुपये नकद के अलावा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी बरामद हुए हैं।
जांच जारी है
सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है, और इसमें और अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। सीबीआई ने 22 मार्च को इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें NHAI के अधिकारी, निजी कंपनी के अधिकारी और अन्य लोग शामिल हैं। इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।