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Farmers Protest: आंदोलन का सातवां दिन, आधी रात तक चली मीटिंग में केंद्र कुछ कृषि उत्पादों पर एमएसपी गारंटी देने को राजी, गेंद अब किसानों के पाले में

चंडीगढ़। 3 केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच रविवार शाम को चंडीगढ़ में शुरू हुई चौथे दौर की बातचीत आधी रात करीब 12.30 बजे तक चली। केंद्र सरकार ने नरमा-कपास, मूंग, उड़द सहित अन्य दालों के अलावा मक्की की फसल पर एमएसपी की गारंटी का प्रस्ताव किसान नेताओ के सामने रखा है। बैठक के दौरान किसानों ने केंद्र के प्रस्ताव पर अपने साथी नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद फैसला करने की बात कही है। इसके लिए किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्रियों से सोमवार सुबह 10 बजे तक का समय मांगा।

बैठक के बाद बाहर आए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि किसान नेताओं के साथ बातचीत बड़े सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में धान की फसल से भूजल स्तर बहुत खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है इसके अलावा अन्य समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने नरमा-कपास और मक्की के अलावा दलहन फसलों पर एमएसपी की गारंटी का प्रस्ताव किसान नेताओं के सामने रखा है।

बोले किसान नेताः केंद्र सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो…
बैठक के बाद बाहर आए किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कपास-नरमा, मक्का सहित दलहन फसलों पर एमएसपी की गारंटी पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव आया है। इसके लिए नैफेड और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को खरीद की जिम्मेदारी दी जाएगी। पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से उपरोक्त फसलों की एमएसपी गारंटी का जो प्रस्ताव मिला है उस पर हम अन्य किसान संगठनों और कृषि माहिरों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

इस मसले पर 19 और 20 फरवरी को किसान संगठन अपने स्तर पर और केंद्र सरकार अपनी एजैंसियों से वार्ता करेगी। उन्होंने कहा किसान कर्ज माफी सहित अन्य मांगों पर अभी तक बातचीत के दौरान कोई फैसला नहीं हुआ है। पंधेर ने स्पष्ट किया कि अगर केंद्र सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो किसान संगठन की ओर से 21 फरवरी सुबह 11 बजे दिल्ली कूच किया जाएगा।

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