Chandigarh Mayor Election : BJP को मिला करारा झटका, Supreme Court ने AAP उम्मीदवार Kuldeep Kumar को घोषित किया मेयर

सीएम मान ने लोकतंत्र की इस महान जीत पर चंडीगढ़ वासियों को दी बधाई

चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट ने AAP पार्षद कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित किया हैं। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा घोषित भाजपा उम्मीदवार के चुनाव को रद्द कर दिया। इसी के साथ अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए एक उपयुक्त मामला बनाया गया है। रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया गया है कि वह अनिल मसीह को नोटिस जारी कर बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई शुरू की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जिन 8 वोटों को अवैध माना गया था, उन्हें आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में वैध रूप से पारित कर दिया गया और कहा गया कि उनके लिए 8 वोटों की गिनती करने पर उनके पास 20 वोट हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी के चुनाव परिणाम को भी रद्द कर दिया और AAP उम्मीदवार को मेयर घोषित कर दिया।

इससे पहले आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने गलत तरीके से मतपत्रों को विकृत कर दिया है और इसलिए 8 अवैध वोटों को वैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने नये मतदान के बजाय नये सिरे से मतपत्रों की गिनती का आदेश दिया। ताजा गिनती के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर बनाने का आदेश दिया।

सीएम मान ने लोकतंत्र की इस महान जीत पर चंडीगढ़ वासियों को दी बधाई

सीएम मान ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई… चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं… पीठासीन अधिकारी द्वारा खारिज किए गए 8 वोटों को सही ठहराते हुए CJI ने AAP के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया…उन्हें बीजेपी की जबरदस्त गुंडागर्दी पर कड़वी प्रतिक्रिया मिली है…लोकतंत्र की इस महान जीत पर चंडीगढ़ वासियों को बहुत-बहुत बधाई…।

कुलदीप कुमार काे INDIA गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई : CM केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कुलदीप कुमार काे बधाई देते हुए कहा कि कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है। INDIA गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई। ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सुप्रीम कोर्ट की वजह से संभव हुआ। हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है।

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