Chhattisgarh Bird Flu ; नेशनल डेस्क : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बर्ड फ्लू के संक्रमण की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने तात्कालिक कार्रवाई की। प्रशासन ने कुल 11,000 चूजों और 4,356 मुर्गियों को मारकर उन्हें जमीन में दफना दिया। यह कदम एक सरकारी पोल्ट्री फॉर्म में मृत मुर्गियों में वायरस H5N1 की पुष्टि होने के बाद उठाया गया। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
मुर्गियों की मौत से बढ़ी बर्ड फ्लू की आशंका
आपको बता दें कि रायगढ़ जिले के सरकारी पोल्ट्री फॉर्म में कुछ मुर्गियां मृत पाई गई थीं। इस मौत के कारण प्रशासन में हलचल मच गई और मृत मुर्गियों के नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे गए। लैब जांच में इन मुर्गियों में H5N1 वायरस की पुष्टि हुई, जिसके बाद बर्ड फ्लू के संक्रमण की आशंका और भी बढ़ गई।
प्रशासन ने उठाए ठोस कदम
रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पोल्ट्री फार्म में पाए गए मुर्गों और चूजों में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। सभी संक्रमित मुर्गों और चूजों को मारकर गहरे गड्ढों में दफना दिया गया। इसके बाद गड्ढों में नमक और चूने की परत डाली गई, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न हो।
सुरक्षात्मक उपायों के तहत किया गया दफनाने का काम
कलेक्टर गोयल ने बताया कि पोल्ट्री फार्म के मुर्गों और चूजों को मारकर दफनाते वक्त सभी सुरक्षात्मक उपायों का ध्यान रखा गया। गड्ढा खोदकर उसमें नमक और चूने की परत डाली गई, फिर उस पर मरे हुए पक्षियों को दफनाया गया। इसके बाद फिर से नमक और चूने की परत डाली गई, ताकि संक्रमण का प्रसार न हो।
अंडों और पोल्ट्री फार्म का भी किया गया सफाया
रायगढ़ कलेक्टर ने यह भी बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए न सिर्फ मुर्गियों और चूजों को मारा गया, बल्कि पोल्ट्री फार्म के अंडों को भी नष्ट किया गया। साथ ही, फार्म परिसर को संक्रमण मुक्त करने के लिए डिसइंफेक्शन (साफ-सफाई) का काम किया जा रहा है। इस पूरी कार्रवाई से प्रशासन ने बर्ड फ्लू के संक्रमण को फैलने से रोकने का प्रयास किया है।