विज्ञापन

‘आक्रांताओं का महिमामंडन देशद्रोह के बराबर’, औरंगजेब विवाद के बीच सीएम योगी का बड़ा बयान

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत की विरासत पर हमला करने वाले आक्रांताओं के महिमामंडन को देशद्रोह करार दिया। यह बयान उस समय आया जब देश के विभिन्न हिस्सों में मुग़ल सम्राट औरंगजेब को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सीएम योगी.

- विज्ञापन -

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत की विरासत पर हमला करने वाले आक्रांताओं के महिमामंडन को देशद्रोह करार दिया। यह बयान उस समय आया जब देश के विभिन्न हिस्सों में मुग़ल सम्राट औरंगजेब को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सीएम योगी ने बहराइच के मिहींपुरवा (मोतीपुर) में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कोई भी व्यक्ति जो भारत के महापुरुषों और संस्कृति का अपमान करता है, उसे स्वतंत्र भारत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

सीएम योगी का बयान
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, “आक्रांता, जो भारत की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास करते हैं, उनका महिमामंडन करना देशद्रोह के समान है। स्वतंत्र भारत किसी भी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आक्रांताओं ने भारतीय संस्कृति और आस्था पर प्रहार किया था, और उन्हें आज के भारत में कोई स्थान नहीं है।

महाराज सुहेलदेव का जिक्र
सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान महाराज सुहेलदेव का भी उल्लेख किया और कहा, “महाराज सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम के कारण ही 150 वर्षों तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने का साहस नहीं कर पाया।”

औरंगजेब पर विवाद का कारण
यह विवाद औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र से शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की और कहा कि वह कोई क्रूर शासक नहीं था। उनका कहना था कि औरंगजेब के शासन में भारत की जीडीपी 24% थी और देश सोने की चिड़िया था। इस बयान के बाद महाराष्ट्र में विवाद शुरू हो गया। अबू आजमी के खिलाफ केस दर्ज हुआ और उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।

17 मार्च को नागपुर में हिंसा भड़क उठी
इसके बाद औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग उठी और कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ। नागपुर में वीएचपी द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब के पुतले को जलाया गया। अफवाहें फैलीं कि इस प्रदर्शन के दौरान एक विशेष समुदाय के धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया, जिसके बाद 17 मार्च को नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में कई वाहन जलाए गए और कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद नागपुर में कर्फ्यू लगाना पड़ा और पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।

 

  • TAGS:

Latest News