नेशनल डेस्क : दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस चार्जशीट के विरोध में किया जा रहा है, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दाखिल किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और इसका उद्देश्य विपक्ष की आवाज को दबाना है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला…
आपको बता दें कि इस केस में ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। ये सभी लोग नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े हुए हैं, जिसे कांग्रेस पार्टी की विरासत का प्रतीक माना जाता है। दरअसल, चार्जशीट के अनुसार, इन लोगों पर कंपनी के जरिए फर्जी लेन-देन और पैसों की हेराफेरी का आरोप है। ईडी का दावा है कि इस केस में आर्थिक अपराध हुए हैं जिनकी जाँच आवश्यक है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी। कोर्ट ने ईडी से इस मामले की केस डायरी भी मंगवाई है।
राज्य और जिला स्तर पर भी हो रहा विरोध
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्षी नेताओं को धमकाने और दबाने का काम कर रहे हैं। इस सिलसिले में कांग्रेस पार्टी ने देशभर में अपने राज्य मुख्यालयों, ईडी दफ्तरों और जिला केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन कर रही है और एजेंसियों को राजनीतिक हथियार बना रही है।
661 करोड़ की संपत्तियों पर ईडी की नजर
इस मामले में कार्रवाई केवल कानूनी दस्तावेजों तक सीमित नहीं रही है। 12 अप्रैल 2025 को, ईडी ने जांच के दौरान दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में स्थित कुल 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके लिए संबंधित लोगों को कब्ज़े में लेने के नोटिस भी जारी किए गए हैं। यह संपत्तियाँ उन कंपनियों से जुड़ी हैं जिन पर आरोप है कि उन्हें नेशनल हेराल्ड अखबार की आड़ में लाभ पहुंचाया गया।
मामला शुरू कैसे हुआ था ?
यह केस 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर की गई शिकायत से शुरू हुआ था। उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके करीबी लोगों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एक नकली लेनदेन के ज़रिए यंग इंडियन नाम की कंपनी को फायदा पहुंचाया, जो नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बनाई गई थी। दरअसल, जहां एक ओर ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के तहत की जा रही है और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच जरूरी है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि यह सरकार की ओर से की जा रही बदले की राजनीति है। अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब कोर्ट तय करेगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ेगा।