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Nitish सरकार में चरम पर है भ्रष्टाचार : Tejashwi Yadav

Tejashwi Yadav

Tejashwi Yadav

Tejashwi Yadav : बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रदेश में विधि व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्रदेश में भष्ट्राचार चरम पर है और प्रशासनिक अराजकता फैल चुकी है। तेजस्वी यादव ने मंगलवार को मीडिया में जारी बयान में आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार के कारण प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता फैल चुकी है। कुमार खुद गृहमंत्री है, इसलिए पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। मधुबनी में पुलिस ने तांडव मचा रखा है। जब मर्जी किसी को भी पुलिस मार देती है।

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी सरकार आएं ना आए हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन समाज में अन्याय, अत्याचार और भेदभाव हम हरगिज सहन नहीं करेंगे और ना होने देंगे। यदि किसी ने मुसलमानों की तरफ बुरी नजर से देखा तो फिर उन बुरी नजर वालों की सही नजर करना हमें हर तरीके से आता है। ये पुलिस और प्रशासन के लोग कान खोलकर सुन लें, आप लोग जनता के नौकर हो, सेवक हो। इसी जनता के पैसे से तुम्हें तनख्वाह मिलती है। हमारी पार्टी ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध मानवाधिकार आयोग भी जाएगी और उनकी सजा सुनिश्चित करेगी।

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि दरभंगा और मधुबनी के 20 में से 17 विधायक भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाईटेड के हैं। 20 वर्षों से मधुबनी-दरभंगा-झंझारपुर के सांसद इन्हीं के है। ये सब निकम्मे और नकारा हो चुके है। नीतीश प्रशासन इन्हीं का है जो जात-धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के बसैठ में कुछ महीने पहले एक युवा राहुल कुमार झा को पुलिस ने दूसरे थाने की सीमा में घुसकर बेवजह बेरहमी से पीटा था। विगत वर्ष 2024 में कटैया के बगल के ही दामोदरपुर गांव में एक ऑटो चालक मुन्ना झा की हत्या कर दी गई। बेनीपट्टी थाना पुलिस प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त को भी नहीं पकड़ सकी है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अक्टूबर में धनौजा गांव में हरिमोहन झा की हत्या हुई! पुलिस उपाधीक्षक ने बयान दिया कि शराब माफिया का इसमें संलिप्तता है।थाना पुलिस के कुछ कर्मी पर भी संदेह की जानकारी सामने आई.. लेकिन रिजल्ट क्या हुआ? कुछ नहीं। थाना से महज तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर जगत गांव में 29 वर्षीय सुनील झा कंपाउंडर की हत्या हुई, महीनों बाद पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं है। ढांगा गांव में भी कुछ दिन पहले पुलिस का बर्बरतापूर्ण कारवाई हुआ था जहां घर में घुसकर महिलाओं बच्चें को बेरहमी से पीटा गया था।

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