Cow smuggling gang busted ; नेशनल डेस्क : उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने संयुक्त अभियान में अंतरराज्यीय गौ तस्करी के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई देहरादून के सहसपुर क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में की गई। गिरफ्तार किए गए तस्करों में विभिन्न आयु वर्ग के लोग शामिल हैं, जिनमें से कई पूर्व में गौ तस्करी और पशु क्रूरता के मामलों में जेल जा चुके हैं। इस कार्रवाई में पुलिस ने अवैध गोकशी में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए हैं।
गिरफ्तार किए गए तस्कर
गिरफ्तार तस्करों में:
इन तस्करों का नाम और उनके समुदाय के आधार पर किसी भी धर्म या जाति के बारे में टिप्पणी करना असामाजिक हो सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य केवल अपराधों को उजागर करना है। गौ तस्करी जैसे अपराधों को किसी भी समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। गौ माता, जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, कभी भी भेदभाव नहीं करतीं। वे बिना किसी भेदभाव के सभी को अपना अमृत दूध पिलाती है।
घटना की जानकारी और पुलिस कार्रवाई
बता दें कि 31 मार्च को देवपुर नदी के किनारे 13 गोवंश के अवशेष मिलने की सूचना स्थानीय पुलिस को मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की और पाया कि यह अवशेष अवैध रूप से गोकशी के बाद नदी में फेंके गए थे। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि यह अपराध हिमाचल प्रदेश के सिरमौर से जुड़ा था। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून अजय सिंह और एसएसपी सिरमौर के नेतृत्व में संयुक्त रणनीति बनाई गई। पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपियों का सुराग पाया। 1 अप्रैल को सहसपुर से आठ और सिरमौर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी और खुलासा
दरअसल, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सीमावर्ती क्षेत्रों में घूमने वाले लावारिस गोवंश को पकड़कर उनका अवैध कटान करते थे। इसके बाद वे गोमांस की तस्करी करके मोटा मुनाफा कमाते थे। 31 मार्च को भी इसी तरह उन्होंने यमुना नदी के पास गोकशी की और अवशेषों को नदी के किनारे फेंक दिया था। आरोपियों ने यह भी खुलासा किया कि वे पुनः गोकशी की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने समय रहते उन्हें पकड़ लिया। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी पहले भी पशु क्रूरता और गोकशी के मामलों में जेल जा चुके हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
वहीं पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गोवंश हत्या, धार्मिक भावनाओं को आहत करना और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने कहा कि गौ तस्करी जैसे अपराधों में पुलिस सख्त है और आगे भी ऐसे अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। इस कार्रवाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में गौ तस्करी के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है, क्योंकि इससे समाज में गौ तस्करी के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा।
गौ माता का महत्व
इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि गौ माता के महत्व को हम सभी को समझना चाहिए। गौ माता हर किसी के लिए समान रूप से उपयोगी होती हैं। चाहे कोई हिंदू हो, मुस्लिम हो या अन्य कोई धर्म। वह बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए दूध देती हैं। हमें एक मनुष्य के नाते यह समझना होगा कि गौ माता का योगदान हर धर्म के लिए समान है। इसलिए गौ तस्करी जैसे अपराधों से निपटने के लिए हमें धर्म, जाति या समुदाय के भेद को छोड़कर केवल मानवता के दृष्टिकोण से सोचने की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएं समाज में एकता और समझदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता को उजागर करती हैं। हमें गौ तस्करी जैसे अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हमारी समाज में प्रेम, सद्भाव और एकता बनी रहे।