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Electoral bond case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मंगलवार शाम तक SBI को देना होगा ब्योरा

नई दिल्ली। एलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए कहा है कि 12 मार्च की शाम तक इसके बारे में बैंक ब्योरा दे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम.

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नई दिल्ली। एलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए कहा है कि 12 मार्च की शाम तक इसके बारे में बैंक ब्योरा दे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई पर बड़ी टिप्पणी की। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपको सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है।

सीजेआई ने एसबीआई से ये भी पूछा कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया। मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र थे।

न्यायालय ने SBI से पूछाः चुनावी बॉन्ड संबंधी जानकारी देने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं

उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से सोमवार को पूछा कि उसने चुनावी बॉण्ड योजना को पिछले महीने रद्द किए जाने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉण्ड संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने अहम सुनवाई की शुरुआत करते हुए कहा कि उसने एसबीआई से न्यायालय के निर्णय के तहत ‘‘स्पष्ट खुलासा’’ करने को कहा था। इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र भी शामिल हैं।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। पीठ ने कहा, ‘‘पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपकी अर्जी में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया।’’ उसने कहा कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी है। मामले की सुनवाई अभी जारी है।

न्यायालय एसबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया है।

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