श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के डोडा में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली से एक दिन पहले शुक्रवार को किश्तवाड़ से 45 किलोमीटर दूर छात्रू इलाके में आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच रात में मुठभेड़ शुरू हो गई, जो पूरी रात जारी रही है। बताया जा रहा है कि बारामूला में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। फिलहाल इलाके को सुरक्षाबलों ने घेर रखा है, साथ ही तलाशी अभियान चल रहा है।
वहीं, मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए। दो अन्य गंभीर रूप से घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमान अस्पताल पहुंचाया गया है। छात्रू अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अशरफ गिरी ने दो जवानों के बलिदान की पुष्टि करते हुए बताया कि पार्थिव शरीर संबंधित सैन्य यूनिट को भेजे गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ जिले के चक टप्पर क्रीरी इलाके में हुई। अधिकारियों ने बताया, ‘इलाके में दो से तीन आतंकवादी छिपे हुए हैं। आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अभियान जारी है। ‘जम्मू-कश्मीर में तीसरे और अंतिम चरण में बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में एक अक्टूबर को मतदान होगा।
#WATCH | Kishtwar Encounter | J&K: Security forces along with Jammu and Kashmir police continue the search operation in Kishtwar.
Two Indian Army personnel lost their lives in the encounter yesterday.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/1hhRFEFajh
— ANI (@ANI) September 14, 2024
इस बीच, जम्मू डिवीजन के किश्तवाड़ जिले के चटरू गांव में आतंकवाद विरोधी अभियान अभी भी जारी है, जहां शुक्रवार को आतंकवादियों के एक समूह के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए थे।
चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में फैली आठ विधानसभा सीटों के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होगा। वहीं जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में क्रमश: 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होगा।
जम्मू डिवीजन के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजाैरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले दो महीनों से अधिक समय से सेना, सुरक्षाबलों और नागरिकों पर आतंकवादी हमले हो रहे हैं। आतंकवादी घात लगाकर अचानक हमला करते हैं और फिर पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में गायब हो जाते हैं।
इन हमलों के लिए विदेशी आतंकवादियों के एक समूह के जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह आतंकी 40 से 50 की संख्या में हैं। यह रिपोर्ट आने के बाद सेना ने उन जिलों के घने जंगलों वाले इलाकों में 4,000 से अधिक प्रशिक्षित सैनिकों को तैनात किया है, जिनमें विशिष्ट पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित सैनिक शामिल हैं।