Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Mahakumbh 2025 : देश ही नहीं विदेशी श्रद्धालुओं पर भी चढ़ा भगवा रंग … जानिए महाकुंभ को लेकर क्या कहती है विदेशी मीडिया

नेशनल डेस्क :  महाकुंभ मेला, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो चुका है। इस आयोजन में दुनियाभर से करोड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस बार 40 करोड़ से अधिक लोगों के मेले में शामिल होने की संभावना है। यह आयोजन 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ है और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। आज हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे की महाकुंभ को लेकर विदेशी मीडिया का क्या रुझान है, वे क्या कहते है इस प्रवित्र सनातन  त्यौहार के बारे मे…

संगम में डुबकी लगाने का महत्व

आपको बता दें कि महाकुंभ में दुनियाभर से लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं। यह माना जाता है कि इन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और आत्मा को शुद्धि मिलती है। श्रद्धालु इस मेले को आध्यात्मिक मोक्ष का पर्व मानते हैं।

विदेशी मीडिया में महाकुंभ की चर्चा

महाकुंभ की भव्यता ने विदेशी मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, पाकिस्तान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की मीडिया में महाकुंभ को लेकर खबरें और तस्वीरें प्रकाशित की जा रही हैं। जिसमे मेले की भव्यता और भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई गई है।

पाकिस्तान के अखबारों की रिपोर्ट

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने महाकुंभ की शुरुआत को ‘दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा’ बताते हुए साधुओं और भक्तों की तस्वीरें प्रकाशित की हैं। अखबार ने इस बात पर जोर दिया कि यह महाकुंभ मेला 144 सालों बाद आया है, जो इसे खास बनाता है। वहीं, डॉन अखबार ने बताया कि इस मेले में साधु, नागा संन्यासी और भक्त पवित्र संगम पर डुबकी लगाने के लिए हफ्तों की पैदल यात्रा कर रहे हैं।

ब्रिटेन और अमेरिकी मीडिया की प्रतिक्रिया

ब्रिटेन की समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने महाकुंभ के दूसरे दिन की रिपोर्ट में लिखा कि 2.5 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए पहुंचे। द गार्डियन ने महाकुंभ की तस्वीरों के साथ लिखा कि हिंदू श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं। वहीं  अमेरिकी मीडिया सीएनएन ने महाकुंभ की महत्ता को समझाते हुए इसे ‘आध्यात्मिकता का महापर्व’ बताया। रिपोर्ट में साधुओं और नागा संन्यासियों की भक्ति और उनकी अनूठी जीवनशैली का उल्लेख किया गया।

मध्य पूर्व और रूस में महाकुंभ की कवरेज

यूएई के अखबार खलीज टाइम्स और गल्फ न्यूज ने महाकुंभ को ‘देशभर से उमड़े श्रद्धालुओं का विशाल जमावड़ा’ बताया। गल्फ न्यूज ने एक आईआईटी स्नातक की कहानी प्रकाशित की, जिन्होंने अपनी आधुनिक जिंदगी छोड़कर साधु का जीवन अपनाया। तो वहीं  रूस के आरटी वर्ल्ड ने महाकुंभ को ‘मानवता का सबसे बड़ा जमघट’ करार दिया और इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।

कुंभ मेला: एक अनोखा अनुभव

महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज में विशाल इंतजाम किए गए हैं। 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह मेला 25 खंडों में विभाजित है, जहां 3,000 से अधिक रसोई, 150,000 टॉयलेट, 11 अस्पताल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पूरे आयोजन स्थल को टेंट सिटी में बदल दिया गया है। दीवारों पर बनाए गए भित्ति चित्र और हिंदू धर्मग्रंथों की कहानियां मेले की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को दर्शाती हैं।

महाकुंभ: आस्था और भक्ति का महापर्व

महाकुंभ न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और विविधता की झलक प्रस्तुत करता है, जो इसे खास बनाता है ।

Exit mobile version