G20 Summit Live: वैश्विक कल्याण के लिए मिलकर चलने की आवश्यकता: PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ में जी-20 नेताओं का स्वागत किया। विश्व भर के कई बड़े नेता इस समय भारत मंडपम में मौजूद हैं। मोदी ने जिस जगह पर विश्व नेताओं का स्वागत किया उसके ठीक पीछे 13वीं शताब्दी की प्रसिद्ध कलाकृति कोणार्क चक्र की.

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ में जी-20 नेताओं का स्वागत किया। विश्व भर के कई बड़े नेता इस समय भारत मंडपम में मौजूद हैं। मोदी ने जिस जगह पर विश्व नेताओं का स्वागत किया उसके ठीक पीछे 13वीं शताब्दी की प्रसिद्ध कलाकृति कोणार्क चक्र की प्रतिकृति स्थापित की गई है। इस चक्र को समय, प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है।

जी-20 शिखर सम्मेलन के संबोधन में पीएम मोदी ने सबसे पहले मोरक्को में भूकंप की घटना पर दुख जताया और मदद का भरोसा दिलाया। पीएम ने जी-20 की अध्यक्षता के तौर पर सभी देशों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, आज हम जिस स्थान पर एकत्रित हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ लगा है। इस पर प्राकृतिक भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने ये संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है। दुनिया हमसे नए समाधान मांग रहे हैं। इसलिए हमें अपने हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना है।

यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए गहरे मतभेदों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के नेताओं से अपील की कि वे दुनिया भर में विश्वास में आई कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने और पुरानी चुनौतियों के नए समाधान खोजने की मिलकर कोशिश करें।

जी-20 में अफ्रीकन यूनियन बना स्थायी सदस्य, सभी सदस्य देशों ने स्वीकार किया PM मोदी का प्रस्ताव
मैं आप सबकी सहमती से आगे की कार्रवाई शुरू करने से पहले मैं अफ्रीकन यूनियन अध्यक्ष को G20 के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं: जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले

जी20ः राष्ट्रपति के रात्रिभोज के लिए विशेष व्यंजन हो रहे हैं तैयार
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रात्रिभोज में अलग-अलग तरह की मिठाइयां परोसी जाएंगी। इस रात्रिभोज के लिए तैयार की गई खाने की लिस्ट में ऐसे व्यंजन शामिल किए गए हैं, जो भारत में मानसून के दौरान खाए जाते हैं। वहीं बाताया जा रहा है कि शिखर सम्मेलन के लिए 200 कारीगरों ने चांदी के लगभग 15,000 बर्तन तैयार किए हैं।

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