उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रबंधक की हत्या मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को बरी किया

सिरसा में स्थित डेरे का प्रमुख अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है।

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की 2002 में हुई हत्या के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को मामले में ‘‘दागदार और अधूरी’’ जांच का हवाला देते हुए बरी कर दिया।
उच्च न्यायालय ने यह भी माना कि मीडिया को रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य़ों का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। सिरसा में स्थित डेरे का प्रमुख अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है।

डेरा प्रमुख के वकील जितेंद्र खुराना ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने रंजीत सिंह हत्या मामले में मेरे मुवक्किल और चार अन्य को बरी कर दिया है।’’ उन्होंने बताया कि इस मामले में दलीलें पहले ही पूरी हो गयी थीं और उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया। खुराना ने बताया कि न्यायमूíत सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूíत ललित बत्र की खंडपीठ ने राम रहीम और चार अन्य की अपीलों पर फैसला सुनाया जिन्हें हरियाणा के पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अक्टूबर 2021 में दोषी ठहराया था।


अदालत ने उन्हें करीब 20 साल पुराने रंजीत सिंह के हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी थी। इस बीच, कुरुक्षेत्र में रंजीत सिंह के रिश्तेदार प्रभु दयाल ने कहा कि वह आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत की हरियाणा में कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उसकी एक अज्ञत पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध रूप से शामिल होने को लेकर हत्या कर दी गयी थी जिसमें बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में राम रहीम कैसे महिलाओं का यौन शोषण कर रहा है। पहले दाखिल सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख मानता था कि इस अज्ञत पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह है और इसीलिए सिंह की हत्या की साजिश रची।


राम रहीम को 2017 में दो शिष्याओं से दुष्कर्म करने के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा सुनायी गयी जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में है। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में 2019 में दोषी ठहराया गया था।

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