Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Toll- Tax : हाईवे यूजर्स को Toll पर राहत मिलने की संभावना, नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान

नेशनल डेस्क : हम सभी अपने जीवन में किसी न किसी रूप में टैक्स देते हैं, चाहे वह प्राइवेट सेक्टर में काम करते हों या सरकारी विभाग में। इसके अलावा, व्यापारी भी अपनी आय पर टैक्स देते हैं। जब हम गाड़ी खरीदते हैं, तो भी सरकार हमसे भारी टैक्स वसूलती है। इसके अलावा, जब हम हाईवे पर यात्रा करते हैं, तो टोल टैक्स भी चुकाना पड़ता है, जिससे आम आदमी के लिए यह एक परेशान करने वाली व्यवस्था बन जाती है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में यह संकेत दिया है कि हाईवे यूजर्स को टोल टैक्स के मामले में जल्द राहत मिल सकती है। गडकरी ने कहा है कि लोगों का गुस्सा इस संबंध में जल्दी खत्म हो जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार टोल टैक्स को पूरी तरह कम करेगी या इसे बिलकुल खत्म कर देगी? इस पर गडकरी ने कुछ संकेत दिए हैं, लेकिन पूरी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

क्या हो सकता है नया प्लान..

गडकरी के बयान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार टोल टैक्स की वर्तमान प्रणाली में कुछ बदलाव करने की योजना बना रही है। इसका मतलब यह हो सकता है कि हाईवे यूजर्स को आने वाले समय में कुछ राहत मिलेगी, जैसे कि कम टैक्स या नई प्रणाली लागू करना, जिससे लोगों को टोल देने में परेशानी न हो।  गडकरी ने दावा किया है कि जल्द ही लोगों का गुस्सा खत्म हो जाएगा। उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि सरकार आने वाले दिनों में टोल टैक्स के संबंध में नई नीति लेकर आ सकती है, जिससे लोगों को अधिक राहत मिल सके।

नेशनल हाईवे पर निजी कारों की संख्या लगभग 60%

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टोल टैक्स के मुद्दे पर सरकार की रणनीति पर बात की। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर टोल टैक्स को लेकर अक्सर मीम्स और ट्रोलिंग होती रहती है, लेकिन सरकार जल्द ही लोगों का गुस्सा शांत करने के उपाय खोजने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में नेशनल हाईवे पर निजी कारों की संख्या लगभग 60% है, लेकिन इन कारों से होने वाली टोल कमाई सिर्फ 20-26% के बीच रहती है। इसके बावजूद, भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 1.46 लाख किलोमीटर है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

टोल कलेक्शन में बढ़ोतरी

गडकरी ने बताया कि 2023-24 में टोल कलेक्शन 64,809 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 35% अधिक है। इसके पहले 2019-20 में टोल कलेक्शन सिर्फ 27,503 करोड़ रुपये था। इस बढ़ोतरी का कारण बढ़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और बेहतर टोल कलेक्शन सिस्टम को बताया गया। गडकरी ने लोकसभा में बताया कि 2000 से अब तक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल से 1.44 लाख करोड़ रुपये का टोल इकट्ठा किया गया है। इससे साफ है कि इस मॉडल के तहत टोल कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह परियोजनाएं देश के विकास में सहायक साबित हो रही हैं।

यमुना नदी पर विमान लैंडिंग स्ट्रिप परियोजना


नितिन गडकरी ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने यमुना नदी को विमान लैंडिंग स्ट्रिप में बदलने की योजना की बात कही। उनका कहना है कि इस परियोजना से दिल्ली से आगरा की दूरी केवल 13 मिनट में तय की जा सकेगी। यह एक क्रांतिकारी कदम होगा, जो यात्रा को तेज और सुगम बनाएगा। गडकरी ने गुजरात में साबरमती नदी पर चल रही सी-प्लेन सेवा का उदाहरण दिया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास शुरू किया था। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को एक सफल मॉडल बताया, जिससे यह साफ होता है कि नदी पर यातायात सेवा को कैसे विकसित किया जा सकता है।

यमुना नदी पर नए प्रोजेक्ट की शुरुआत

गडकरी ने बताया कि यमुना नदी पर भी एक नया प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और यात्री ज्यादा तेजी से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। यह परियोजना दिल्लीवासियों और पर्यटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।  नितिन गडकरी द्वारा की गई ये घोषणाएं टोल टैक्स और यमुना नदी को लेकर सरकार के विकास योजनाओं को उजागर करती हैं। जहां एक तरफ टोल टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी और सरकार की रणनीति को लेकर उम्मीदें जताई गई हैं, वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी पर प्रस्तावित विमान लैंडिंग स्ट्रिप के जरिए दिल्ली और आगरा के बीच यात्रा को आसान और तेज़ बनाने की योजना से देश में एक नई तरह की परिवहन सुविधा मिल सकती है।

Exit mobile version