Himachal Politics : CM Sukhu का बड़ा बयान, कहा-“न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा और न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा सौपा

बागी विधायक भी विधानसभा पहुंच गए हैं।

शिमला (गजेंद्र) : इस्तीफे के खबराें के बीच हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का बड़ा बयान सामने आया हैं, उन्हाेंने कहा कि , “न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा और न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा सौंपा है। हम बहुमत साबित करेंगे। हम जीतेंगे, हिमाचल की जनता जीतेगी…” सीएम सुक्खू ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है और कांग्रेस सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। सुक्खू द्वारा पद छोड़ने की पेशकश की खबरों के बाद उन्हाेंने कहा, कि ’मैंने इस्तीफे की कोई पेशकश नहीं की है। मैं एक योद्धा हूं, लड़ता रहूंगा।’’ उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी राज्य में पूरे पांच साल तक सत्ता में रहेगी। अपने कैबिनेट सहयोगी विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे पर सुक्खू ने कहा, कि ’वह मेरे भाई हैं। उनकी कुछ शिकायतें हैं और उन्होंने मुझसे कई बार बात की है। इसे सुलझा लेंगे।’’

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, “मैं डरने वालों में से नहीं हूं और मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि जब बजट पेश किया जाएगा तो कांग्रेस जीतने वाली है। बजट आज पारित होगा।” बीजेपी मेरे इस्तीफे की अफवाह फैला रही है. कांग्रेस एकजुट है…।”

Vikramaditya Singh ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

इस से पहले वीरभद्र सिंह के बेटे PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को बता दिया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं। विक्रमादित्य ने कहा कि हमने हमेशा कांग्रेस आलाकमान का सम्मान किया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सम्मान किया है, लेकिन विधायकों की शिकायत का समाधान नहीं हुआ, ये विधायकों की अनदेखी का ही नतीजा है कि हम राज्यसभा चुनाव हारे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी निष्ठा पार्टी के साथ है, इसलिए खुलकर बोल रहा हूं। उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की अनदेखी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने पार्टी के हर मंच पर उठाया था, लेकिन उनकी अनदेखी हुई है।

स्पीकर ने 15 BJP विधायकों को किया सस्पेंड

 हिमाचल प्रदेश के 15 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बुधवार को कथित तौर पर अपने कक्ष में हंगामा करने के लिए सदन से निलंबित कर दिया। हिमाचल विधानसभा में 15 बीजेपी विधायक जयराम ठाकुर, विपन परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शौरी, दीपराज, दिलीप ठाकुर, पूर्ण ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, और रणवीर सिंह को विधानसभा की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया है।

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट खो दी

राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी के हर्ष महाजन दोनों को 34-34 वोट मिले थे, हालांकि ड्रॉ के जरिए महाजन ने जीत हासिल की हैं। एक आश्चर्यजनक उलटफेर में, क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायकों में सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर) शामिल थे, दोनों मंत्री पद के इच्छुक थे; इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति); चैतन्य शर्मा (गगरेट); और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़)। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट किया। कांग्रेस ने मंगलवार देर रात अपने वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके क्रॉस वोटिंग से पैदा हुए संकट को सुलझाने के लिए शिवकुमार शिमला गए।

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