बांग्लादेश : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में बांग्लादेश के नाटोर जिले के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान स्थित एक मंदिर में एक हिंदू पुजारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई और मंदिर को लूट लिया गया। इस घटना ने सभी को झकझोर दिया है।
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल
आपको बता दें कि ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंसियसनेस) की कोलकाता शाखा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और बांग्लादेश की सरकार को आलोचना की है। ISKCON ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश की सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है, खासकर शेख हसीना के सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।
पुरी घटना का विवरण
वहीं राधारमण दास, ISKCON कोलकाता के प्रवक्ता, ने ‘X’ पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें इस घटना का जिक्र किया गया था। उन्होंने बताया कि काशिमपुर सेंट्रल श्मशान में स्थित मंदिर पर हमला किया गया, जिसमें मंदिर के सेवायत (पूजा अर्चना करने वाला पुजारी) तरुण चंद्र दास की हत्या कर दी गई। उनकी लाश को देखने पर यह पता चला कि उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे। राधारमण दास ने कहा, “हमलावरों ने मंदिर में लूटपाट की और पुजारी को मारने से पहले शायद उन्हें टॉर्चर किया गया।”
पुजारी की हत्या के बाद का दृश्य
एक वायरल वीडियो में पुजारी तरुण चंद्र दास का शव दिखाया गया है, जिसमें उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे। हालांकि इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकी है, लेकिन इस घटना ने सबको चौंका दिया है। इस वीडियो में यह स्पष्ट है कि पुजारी की हत्या से पहले उन्हें यातनाएं दी गई थीं। राधारमण दास ने कहा, “यह बेहद क्रूर घटना है और इसका कोई भी धार्मिक या मानवतावादी आधार नहीं है।”
पुलिस की भूमिका पर सवाल
हालांकि, बांग्लादेश पुलिस ने इस घटना को डकैती का मामला बताया है, लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि पुलिस कट्टरपंथियों के साथ मिलकर काम करती है। इसलिए इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। राधारमण दास ने कहा कि पुलिस की ओर से मामले की सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है, और इससे अपराधियों के हौंसले और बढ़ रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा की मांग
ISKCON और अन्य हिंदू संगठन बांग्लादेश सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वह हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यह घटना केवल एक उदाहरण है, लेकिन बांग्लादेश में इस प्रकार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, और इनसे हिंदू समुदाय के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है।