नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और छह बार के लोकसभा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए। बृज भूषण ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष खुद को निर्दोष बताया और सुनवाई की मांग की। बृज भूषण ने न्यायाधीश से कहा, ‘‘जब मैं दोषी नहीं हूं तो मैं दोष स्वीकार क्यों करूंगा?’’ अदालत ने मामले में सह आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया। मामले में अगली सुनवाई एक जून को होगी।
एसीएमएम प्रियंका ने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ मौजूद हैं। अदालत ने बृज भूषण के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।’’ हालांकि अदालत ने छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा दायर शिकायत में बृज भूषण को आरोपमुक्त कर दिया क्योंकि उसके दावे के समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं थे।
उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली राजपूत नेता बृज भूषण को कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने इस सीट से उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है।
दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354ए, 354डी (पीछा करना) और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
जुलाई में दिल्ली की एक अन्य अदालत बृज भूषण के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार करने या नहीं करने के बारे में अपना आदेश सुना सकती है। पिछले साल एक अगस्त को चैंबर में हुई सुनवाई के दौरान नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और उसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ (मामले को बंद करने की रिपोर्ट) पेश की है, उसका वह विरोध नहीं करती है।
दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को लड़की से जुड़े मामले को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की जब उसके पिता ने जांच के बीच में एक चौंकाने वाला दावा किया कि उसने अपनी बेटी के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए।
पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला हटाने की सिफारिश की थी लेकिन छह महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर एक अलग मामला दर्ज कर उन पर यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था।