नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जाति आधारित राजनीति के खिलाफ अपने कड़े विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की महानता उसके गुणों पर निर्भर करती है, न कि उसकी जाति, धर्म या लिंग पर। गडकरी ने यह भी कहा कि वे इस सिद्धांत पर कभी समझौता नहीं करेंगे, भले ही इससे उन्हें चुनावों में नुकसान हो।
‘जो जाति की बात करेगा, उसे जोर से लात मारूंगा’
गडकरी ने एक सभा में कहा था, “जो कोई जाति की बात करेगा, मैं उसे जोर से लात मारूंगा।” इसका मतलब था कि वे जातिवाद की राजनीति का विरोध करते हैं और इसके खिलाफ खड़े रहते हैं। गडकरी ने नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह में यह बात कही।
अब्दुल कलाम का दिया उदाहरण
गडकरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपनी मेहनत और गुणों से दुनिया में एक बड़ा नाम कमाया। उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति जाति, धर्म या लिंग से महान नहीं बनता, बल्कि उसके गुण उसे महान बनाते हैं। गडकरी ने यह भी बताया कि राजनीति में जातिवाद की राजनीति के कारण उन्हें कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लेकिन वे अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करेंगे, चाहे उन्हें चुनावों में नुकसान ही क्यों न उठाना पड़े।
शिक्षा को बताया महत्वपूर्ण
इसके साथ ही गडकरी ने शिक्षा को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज और देश के विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे नौकरी के पीछे न भागें, बल्कि नौकरी देने वाले बने। गडकरी ने अपनी शिक्षा यात्रा पर भी चर्चा की और बताया कि उनके पास कई डिग्रियां हैं, लेकिन वे ‘डॉ’ उपाधि का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि उनका मानना है कि डिग्री और सफलता का सही मायने में संबंध समझना जरूरी है।