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भारत-चीन ने LAC पर स्थिति की समीक्षा की, सीमा पार सहयोग जल्द बहाल करने पर जताई सहमति

नेशनल डेस्क: आज बीजिंग में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 33वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति की समीक्षा की और सीमा पार सहयोग को जल्द ही फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। विशेष रूप से कैलाश-मानसरोवर यात्रा और सीमा पार नदियों के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

किन मुद्दों पर हुई चर्चा 
विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में दोनों देशों ने दिसंबर 2024 में बीजिंग में आयोजित होने वाली भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के फैसलों को लागू करने पर भी विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, सीमा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न उपायों और प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक बैठक के बाद सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “2020 में सीमा पर जो घटनाएं घटीं, उससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा था। लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। हम 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। विश्वास और उत्साह वापस आएगा, हालांकि इसमें समय लगेगा क्योंकि पांच साल का समय बीत चुका है।”

दोनों पक्षों ने कूटनीतिक को मजबूत करने पर जताई सहमति 
विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द्र बनाए रखना द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बैठक में सीमा पर शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों ने कूटनीतिक और सैन्य तंत्र को मजबूत करने पर सहमति जताई।

इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गौरांगलाल दास, संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हांग लियांग, चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक ने किया। दोनों देशों ने इस वर्ष के अंत में भारत में विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक के लिए मिलकर तैयारी करने पर सहमति जताई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता ने चीन के सहायक विदेश मंत्री हांग लेई से शिष्टाचार भेंट भी की।

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