नेशनल डेस्क : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। भारत ने उत्तर और पश्चिम भारत के 32 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। यह कदम नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत लिया गया है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
अस्थायी उड़ान सेवाओं का बंद होना
आपको बता दें कि 9 मई से 14 मई 2025 तक इन हवाई अड्डों से सभी नागरिक उड़ान सेवाएं बंद रहेंगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह कदम सुरक्षा और ऑपरेशनल कारणों के तहत उठाया गया है। DGCA के अनुसार, इन हवाई अड्डों से कोई भी सिविल विमान ग्राउंड लेवल से लेकर अनलिमिटेड ऊंचाई तक उड़ान नहीं भर सकेगा।
सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय संभावित हवाई खतरों जैसे कि ड्रोन हमलों से बचाव के लिए लिया गया है। पाकिस्तान से लगती सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर 26 स्थानों पर संदिग्ध ड्रोन गतिविधियां देखी गई हैं, जिनमें से कुछ ड्रोन में आयुध होने की आशंका है। इन ड्रोन का उद्देश्य भारत के सैन्य ठिकानों या रणनीतिक नागरिक स्थलों को नुकसान पहुंचाना हो सकता है।
अस्थायी रूप से बंद हवाई अड्डे
भारत के उत्तर और पश्चिमी भाग में स्थित प्रमुख हवाई अड्डों में से कई अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं। इन हवाई अड्डों में शामिल हैं:
इन हवाई अड्डों को सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित होने के कारण बंद किया गया है, जहां से उड़ानों पर संभावित खतरा सबसे अधिक था। इसके अलावा, दिल्ली और मुंबई FIR (Flight Information Region) में आने वाले 25 प्रमुख एयर ट्रैफिक सर्विस रूट्स भी बंद कर दिए गए हैं। यह कदम सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी सैन्य या आपातकालीन स्थिति में हवाई मार्ग पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में रहे।
बंदी अस्थायी और परिस्थिति आधारित
यह बंदी केवल अस्थायी है और इसे परिस्थितियों के अनुसार आगे बढ़ाया या समाप्त किया जा सकता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सभी एयरलाइंस और चार्टर ऑपरेटर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी उड़ानों का मार्ग वैकल्पिक हवाई अड्डों और रास्तों के माध्यम से तय करें और यात्रियों को पूर्व सूचना दें।
ड्रोन गतिविधियों की रिपोर्ट
संदिग्ध ड्रोन गतिविधियां जिन स्थानों पर देखी गई हैं, उनमें शामिल हैं…
रक्षा सूत्रों के अनुसार, इन क्षेत्रों में सेना की चौकसी और एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत किया गया है।
हजारों यात्रियों की उड़ानें प्रभावित
इस निर्णय से हजारों यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन यह कदम भारत की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सैन्य हालात को देखते हुए यह कदम पूरी तरह से सावधानी और राष्ट्रहित में लिया गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की घुसपैठ या आतंकी हरकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।