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भारत को ‘मोहब्बत की दुकान’ की जरूरत : Selja Kumari

Selja Kumari

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Selja Kumari : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर देश को धर्म एवं जाति के नाम पर बांटने का आरोप लगाया और कहा कि भारत को ‘मोहब्बत की दुकान’ की जरूरत है। उन्होंने लोकसभा में ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्र’ पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि सरकार किसानों की मांगों को नहीं सुन रही है।
सैलजा ने कहा, कि ‘सबकी अपनी धाíमक किताबें हैं, लेकिन एक आजाद देश के लिए सबसे बड़ा धर्म उसका संविधान होता है।’’ आपातकाल को लेकर सत्तापक्ष के हमलों पर उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल लगा था, ज्यादतियां भी हुईं, उससे इनकार नहीं है। लेकिन इसके बाद चुनाव हुआ और इंदिरा जी और कांग्रेस सत्ता से बाहर हुए। वही इंदिरा गांधी 1980 में फिर से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनीं।’’    उन्होंने दावा किया, ‘‘आप लोग (भाजपा) जोड़ने की बात नहीं करते। आप कभी धर्म और कभी जाति के नाम पर बांटते हैं।’’
सैलजा का कहना था, ‘‘मोहब्बत की दुकान का मजाक मत उड़ाइए। इस देश को इसकी जरूरत है।’’ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हंसदक ने कहा कि आज भी देश में भेदभाव होता है और ‘यदि हम उसे रोक नहीं पा रहे तो स्थिति अच्छी नहीं।’ उन्होंने कहा कि निजीकरण करके संविधान में लोगों के मिले अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है। हंसदक ने कहा, कि ‘आप सीधे आरक्षण समाप्त नहीं कर सकते, इसलिए पिछले दरवाजे से इसे समाप्त किया जा रहा है।’’
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यकों को अधिकार नहीं मिल रहे। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने कहा कि संविधान लागू हुए 75 साल हो गए, लेकिन आज भी देश में असमानता की चुनौती खत्म नहीं हुई है।
उन्होंने पूछा कि देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा कब बनेगी जिससे दलितों और आदिवासियों को भी न्यायिक पदों पर पहुंचने का अवसर मिले। कांग्रेस के इमरान मसूद ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि संविधान में अल्पसंख्यकों को मिले अधिकारों पर इस सरकार में कुठाराघात हो रहा है तथा वक्फ कानून के नाम पर उनकी संपत्तियां छीनने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के के. सुरेश ने दावा किया कि भाजपा ने सत्ता का केंद्रीकरण कर रखा है और वह राज्य सरकारों का अपमान करने के साथ-साथ संघवाद को कमजोर कर रही है।
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