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पर्यावरण को लेकर जापान की अनोखी खोजः गाय के गोबर से दौड़ेंगी गाड़ियां, जानें कैसे बनता है हाइड्रोजन फ्यूल

Cow dung to Hydrogen : आजकल दुनियाभर में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। जापान भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। वैज्ञानिकों ने एक अनोखी प्रक्रिया विकसित की है, जिससे गाय के गोबर को हाइड्रोजन फ्यूल में बदला जा सकता है। इस फ्यूल से कार और ट्रैक्टर चलाए जा सकते हैं, जिससे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होगी और वायु प्रदूषण भी घटेगा।

शिकाओई शहर में अनोखा प्रयोग

जापान के शिकाओई शहर में यह अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। यह शहर अपने बड़े डेयरी बिजनेस के लिए जाना जाता है और यहां हर साल करीब 20 मिलियन टन गाय का गोबर उत्पन्न होता है। पहले यह गोबर वेस्ट के रूप में फेंक दिया जाता था, लेकिन अब इसे हाइड्रोजन फ्यूल में बदला जा रहा है। यह प्रक्रिया वेस्ट मैनेजमेंट के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन का भी एक बेहतरीन तरीका है।

कैसे बनता है हाइड्रोजन फ्यूल?

इस तकनीक में गाय के गोबर और यूरीन को एनारोबिक डाइजेस्टर नामक मशीन में डाला जाता है।

फायदे क्या हैं?

  1. वेस्ट मैनेजमेंट – गाय के गोबर और यूरीन को बेकार न जाने देकर उपयोग में लाया जा सकता है।
  2. पर्यावरण अनुकूल – यह तरीका पारंपरिक पेट्रोल और डीजल की तुलना में अधिक ग्रीन एनर्जी देता है।
  3. कार्बन उत्सर्जन में कमी – हाइड्रोजन फ्यूल से गाड़ियों का प्रदूषण कम होता है।
  4. स्थायी ऊर्जा स्रोत – यह नवीकरणीय ऊर्जा का एक अच्छा विकल्प बन सकता है।

ग्रीन फ्यूल से होगा एक नया बदलाव

शिकाओई शहर की यह तकनीक दुनिया के लिए एक मिसाल बन रही है। अगर अन्य देश भी इस तकनीक को अपनाते हैं, तो कार्बन उत्सर्जन को बड़े पैमाने पर घटाया जा सकता है और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सकता है। जापान का यह इनोवेशन पर्यावरण बचाने और ऊर्जा संकट को हल करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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